नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में।
मैं आज लेकर आई हूं बहुत ही खास जानकारी शुभ त्यौहार धनतेरस के बारे में तो चलिए चलते हैं जानने के लिए आखिर क्यों मनाया जाता है धनतेरस।
आज भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है ।हिंदू धर्म में धनतेरस बहुत ही शुभ माना जाता है। हम में से बहुत सारे लोग को इस बारे में नहीं जानते हैं कि आखिर क्यों धनतेरस मनाया जाता है ।
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस दिवाली के 2 दिन पहले मनाया जाता हैं।
धनतेरस मनाया क्यों जाता है इसके पीछे भी ग्रंथों में एक कथा छिपी हुई है तो चलिए चलते ही जाने के लिए वह कथा कौन सी है ।
धनतेरस कार्तिक माह पूर्णिमा की कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है ।कहा जाता है कि इस दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे ।इसलिए यह तिथि धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से भी जानी जाती है।
पर भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।।
जैन आगम में धनतेरस को धन्य तेरस या ध्यान तेरस के नाम से भी जाना है ।
कहते हैं भगवान महावीर इस दिन तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिए योग निरोध के लिए चले गए थे।
3 दिन के ध्यान के बाद विरोध करते हुए दीपावली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुए थे।
कहा जाता है समुद्र मंथन के समय जब धन्वंतरि प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था ।भगवान धन्वंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परंपरा मानी जाती है ।
कहीं-कहीं लोक मान्यता के अनुसार यह भी कहा जा रहा है कि इस दिन धन वस्तु खरीदने से उसमें तीन गुना वृद्धि होती है।
इस अवसर पर लोग धनिया के बीज खरीद कर भी घर में रखते हैं ।दीपावली के बाद उनको अपने बगीचे में या खेतों में बो देते हैं ।
धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। संभव हो तो लोग चांदी के बर्तन भी खरीदते हैं .
या अपने क्षमता के अनुसार स्टील के बर्तन या सोने के बर्तन या गहने भी खरीदते हैं । अगर आप चांदी के बर्तन खरीदते हैं तो इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि चांदी चंद्रमा का प्रतीक है। चांदी शीतलता का प्रतीक माना जाता है । जिससे घर में और मन में संतोष और शांति का वास होता है।संतोष को सबसे बड़ा धन कहा जाता है जिसके पास संतोष हैऔर वह स्वस्थ है तो वही सुखी है और वही सबसे बड़ा धनवान है ।
भगवान धन्वंतरि जो चिकित्सा के देवता भी माने जाते हैं लोग उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए उन्हें पुजा जाता है । santosh से बड़ा कोई धन नहीं है।
लोग इस दिन से दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं ।हालांकि इस बात का कोई ग्रंथों में वर्णन नहीं किया गया है।
इसलिए हिंदू धर्म में धनतेरस का बहुत बड़ा महत्व है। आप सभी लोगों को धनतेरस की बहुत-बहुत शुभकामना।
धन्यवाद मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए
☺☺☺.
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