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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।
 मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।
 तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान।


क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ।


चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है।


इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स्टॉर्म साइ‍ि‍कल तैयार हो जाता है. समुद्र में ये गोलाकार तूफान एकदम कुंडली मारकर बैठे सांप की तरह नजर आते हैं, इस कारण इन्‍हें साइक्‍लोन कहा जाता है. बता दें साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस से लिया गया है, जिसका अर्थ है सांप की कुंडलियां।


क्‍यों इन तूफानों को दिया जाता है नाम

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization-WMO) के मुताबिक दुनिया में एक समय में एक से अधिक साइक्‍लोन हो सकते हैं और ये लंबे समय तक जारी भी रह सकते हैं. ऐसे में उस तूफान को लेकर बढ़ने वाले जोखिम के प्रति जागरुक करने, बचाव और राहत कार्य के प्रबन्‍धन करने और किसी भी तरह के भ्रम से बचने के लिए हर तूफान को एक नाम दिया जाता है।


कब शुरू हुआ तूफान को नाम देने का सिलसिला
अटलांटिक क्षेत्र में चक्रवाती तूफानों के नाम तय करने की प्रथा 1953 में शुरू हुई. तब अमेरिका में राष्ट्रीय तूफान केंद्र द्वारा तैयार की गई सूचियों में से तूुफान के नाम रखे जाते थे और ये नाम मनमाने ढंग से रखे जाते थे. वहीं, हिंद महासागर क्षेत्र में इसकी शुरुआत 2004 में हुई. उत्तरी हिंद महासागर में आए तूफानों को नाम देने के लिए भारत समेत 13 देशों का एक समूह है. इस समूह में से हर देश बारी-बारी से तूफान का नाम निर्धारित करता है. इन 13 देशों के नाम हैं- भारत, बांग्‍लादेश, मालदीव, म्‍यांमार, ओमान, पाकिस्‍तान, थाइलैंड, श्रीलंका, ईरान, कतर, सऊदी अरब और यूएई और यमन।

संयुक्‍त राष्‍ट्र की वर्ल्‍ड मेट्रोलाजिकल आर्गेंनाइजेशन ने कुछ नियम तय किए हैं. इसके हिसाब से हिंद महासागर के जिन क्षेत्रों में तूफान आएगा, उनका नामकरण वहां की क्षेत्रीय एजेंसियां करेंगी. उसी तूफान का नामकरण होता है, जिसकी गति कम से कम 63 किलोमीटर प्रति घंटा हो. हिंद महासागर क्षेत्र के तूफान के नाम 13 देश बारी-बारी रखते हैं. 25 सालों के लिए इन नामों की सूची को तैयार कर लिया गया है. इस सूची में भारत की ओर से प्रस्तावित तूफानों के नाम हैं गति, तेज़, मुरासु, आग, नीर, प्रभंजन, घुरनी, अंबुद, जलधि और वेग।


बिपरजॉय नाम बांग्‍लादेश ने दिया, अगला नाम भारत देगा
2107 में आए ओखी तूफान का नाम बांग्लादेश ने तय किया था. इसके बाद सोमालिया में जो चक्रवात आया था उसका नामकरण भारत ने किया था, जिसे गति नाम दिया गया गया था. साल 2023 में आए अत्यंत गंभीर चक्रवातीय तूफान बिपरजॉय का नाम बांग्‍लादेश ने दिया था। बांग्‍ला भाषा में बिपरजॉय का मतलब होता है आपदा. बिपरजॉय के साथ ही अब अगले तूफान के नाम की चर्चा तेज हो गई है क्‍योंकि अगले तूफान का नाम भारत के सुझाव पर रखा जाएगा और उसका नाम 'तेज' होगा।

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना साइक्लोन मिचौंग (Cyclone Michaung) गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है. इसका सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु, ओडिशा, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में देखने को मिल रहा है. भारी बारिश और बाढ़ के कारण हाल बेहाल है. लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. जगह-जगह पानी भर गया है और 100 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से तेज हवाएं चल रही हैं. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में बारिश की वजह से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।

किस देश ने दिया मिचौंग नाम?
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के अलावा ओडिशा के भी मिचौंग की चपेट में आने की संभावना है इसलिए इसे भी अलर्ट मोड में रखा गया है. तबाही मचा रहे इस साइक्लोन को दिए गए मिचौंग नाम का मतलब ताकत और लचीलापन होता है. यह एक म्यांमी शब्द है. वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल (WMO) के मुताबिक, मिचौंग नाम म्यांमार द्वारा दिया गया है और म्यांमी भाषा में इसे मिग्जोम (Migjaum) कहा जाता है, जिसका मतलब ताकत और लचीलापन होता है।

क्यों दिया गया मिचौंग नाम


मिचौंग साइक्लोन जिस तरह से तीन राज्यों में कहर बरपा रहा है उसको देखते हुए इसे मिचौंग नाम दिया गया है. इस साल हिंद महासागर में उठने वाला मिचौंग छठा और बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चौथा चक्रवात है. आईएमडी ने 3 दिसंबर को दक्षिणपश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवातकी भविष्यवाणी की थी. इसके अगले दिन तूफान के तमिलनाडु तट पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई थी और चक्रवात ने तमिलनाडु तट को प्रभावित किया. इसके फलस्वरूप भारी बारिश भी हुई. इससे चेन्नई के कई इलाके पानी में डूब गए।

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https://youtu.be/KK7K12ODZa4
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