भारत अनेक संस्कृतियों का देश है।
हर राज्य की अपनी अलग अलग विशेषता होती है चाहे वह खाने की हो या वस्त्र पहनने की सब अपने में खूबसूरती लिए होते हैं।
ऐसे ही मैं आपको आज ले चल रही हूं उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में जितनी ही खूबसूरत है यहां की वादियां उतना ही लजीज यहां का व्यंजन और पहनावा है। जहां खाने में क्या खास है व्यंजन जो उत्तराखंड की शान है चलिए हम देखते हैं आज।।
वैसे तो उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र आते हैं लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यंजन के बारे में आज बताऊंगी
वैसे तो बहुत सारे व्यंजन है जो अपने आप में स्वाद और स्वास्थ्य से भरपूर हैं ।स्वास्थ्य को लेकर इनका सबसे
बड़ा लाभ यहां के भोजन में है , वह है खेतो की शुद्ध एवं ताजी सब्जियां और दालें जहां इन खाद्य पदार्थों में किसी प्रकार की कोई भी मिलावट नहीं की जाती है; इसलिए भी यह सारी सब्जी और दाल है शरीर के लिए काफी पौष्टिक होती हैं । उत्तराखंड का सबसे पहला व्यंजन है__
1- गहत की दाल( कुल्थ)-गहत को दाल के रूप में तो खाया जाता है साथ में के पराठे भी बनाए जाते हैं गहत की दाल विशेष रूप से सर्दियों में खाई जाती है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभकारी है ,लेकिन अगर गर्मियों में खानी है तो दाल को पीसकर उस दाल में मसाले मिलाकर अगर ग्रेवी गाड़ी करनी है उसमें चावल और आटे का घोल मिलाया जाता है और टेस्ट अच्छा करने के लिए उसे लोहे की कढ़ाई में बनाया जाता है ।बनने के बाद फिर उसमें jakhya जो उत्तराखंड का विशेष मसाला है तड़के वाला उसको लाल मिर्च और जीरे के साथ तड़का मारा जाता है यहां स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है
2- भांग की चटनी-- भांग की चटनी जो भांग के पौधे से दाने मिलते हैं उसको धूप में सुखा कर उसे साफ कर कर बनाई जाती है। चटनी बनाने के लिए उसे तवे में गर्म कर कर उसे भूरा होने तक भून आ जाता है फिर उसे निकालकर उसमें लहसुन मिर्ची जो कुछ भी मसाले हैं डालकर उसे पीसा जाता है ।बेहद स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक चटनी होती है जो विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में खाई जाती है ,और की तासीर काफी गर्म होती है।।
3-कंडाली का साग-(बिच्छु घास) - कंडाल उत्तराखंड में पाया जाने वाला एक कांटेदार घास है। यदि गलती से भी किसे लग गया तो बस समझिए में दो-तीन दिन तक करंट लगेगा ,डरिए मत इतना भी नहीं बस एक-दो घंटे तक थोड़ा सा दर्द रहता है जितना खतरनाक हैं, पौधा होता है लेकिन इसकी सब्जी उतनी ही स्वादिष्ट और शरीर के लिए अच्छी मानी जाती है ।बनाने के लिए इस को विशेष रुप से सर्दियों के मौसम में तोड़ कर अच्छे से साफ कर कर इसे उबालकर फिर पीसकर इसमें लहसन जो सबसे जरूरी है इसमें और भी मसाले डालते हैं। इसे सरसों की साग की तरह पकाया जाता है और ऊपर से उस पर gheeभी डाल देते हैं ।खाने में काफी स्वादिष्ट होती है।।
4-थैचु- नाम पर मत जाइए थोड़ा अलग सा नाम है पर खाने में बेहद स्वादिष्ट। थैचु को मूली और आलू को क्रश करके बनाया जाता है। इसमें भी ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए चावल और आटे का घोल डाला जाता है ।बेहद स्वादिष्ट व्यंजन होता है बनने के बाद जखिया का तड़का मारा जाता है ।खाने में बहुत स्वादिष्ट व्यंजन होता है।
5-भट्ट की चुटकानी-- यह भी प्रोटीन से भरपूर दाल होती है ।देखने में बिल्कुल सफेद रंग की जो सोयाबीन की दाल जैसी होती है ।
बस फर्क केवल रंग का है। इस दाल को बनाने के लिए तेल में फ्राई किया जाता है, फिर उसे निकालकर अलग रखकर प्याज मसालों को पकाया जाता है ।इसमें भी ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए चावल और आटे का घोल डाला जाता है ।भट्ट कि केवल चुटकानी ही नहीं बल्कि दाल को पीसकर जिसे डुबके भी कहते हैं भी बनाया जाता है ।इससे दाल से एक और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन भट्ट का जौला भी बनाया जाता है ।जो विशेष रूप से पीलिया के मरीज के लिए बेहद स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।।
6-काफुली-(काफा/कापा-) उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध व्यंजन है। जो विशेष रूप से हरी सब्जियों से बनाया जाता है ,जैसे पालक, बथुआ, और चौलाई। यह सब्जी इसीलिए भी ज्यादा पौष्टिक होती है ।क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल वाले खाद का प्रयोग नहीं किया जाता है
यह खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही आयरन और विटामिन से भरपूर ।।
7-आलू के गुटके- वैसे तो आलू की सब्जी हर राज्य में बनाई जाती है पर जो स्वाद उत्तराखंड के आलू के गुटके में है वह आपको कहीं नहीं मिलेगा। क्योंकि खेतों के ताजे आलू से बनाए जाने पर इसका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है आलू को पहले उबालकर फिर उससे छोटे टुकड़ों में काटकर तेल में जीरे और जख़िया का तड़का मार कर सजाने के लिए खेतों का ताजा धनिया ऊपर से डाला जाता है ।ऊपर से लाल मिर्ची तेल में भूनकर उसका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है।।
जितने भी आपको यह उत्तराखंड के व्यंजन बारे में बताया है यह सब उत्तराखंड की संस्कृति की पहचान है ।।
मेरे blog को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
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