Skip to main content

Featured post

जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

उत्तराखंड के बारे में बेहद रोचक तथ्य


फिर से एक बार स्वागत है मेरे ब्लॉग पर आप सभी का।
मैं आज आप लोगों के  लिए लेकर आई हूँ उत्तराखंड के 
 बारे में बेहद रोचक तथ्य- -
उत्तराखंड  में  बेहद  खूबसूरत गांव  हैं।
उत्तराखंड के बारे में सबसे पहला तथ्य यह कब बना ,उत्तराखंड के  बनने से पहले यह उत्तर प्रदेश का ही एक हिस्सा था जो बात में उत्तर प्रदेश से हटकर ,उत्तराखंड  9 नवंबर 2000 को बना।।
 उत्तराखंड के दो  क्षेत्र है, कुमाऊं क्षेत्र और गढ़वाल क्षेत्र ।दोनों ही क्षेत्र पहाड़ों से घिरे बेहद खूबसूरत है,
जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है। दोनों क्षेत्रों की बोली में और पहनावे मे काफी अंतर है।

उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं। अभी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है। पर इससे पहले उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण में बनने की योजना थी पर गैरसैंण में में सुविधाओं की कमी के कारण इसकी राजधानी देहरादून में बनाई गई।

उत्तराखंड भारत का 27 वां राज्य है। कुमाऊं क्षेत्र में कुमाऊनी भाषा बोली जाती है और गढ़वाल क्षेत्र में गढ़वाली भाषा बोली जाती है।।

 उत्तराखंड का राजकीय पुष्प ब्रह्मकमल है
  ।यहां का राष्ट्रीय पक्षी मोनाल जिसे हिमालय की मयूर भी कहा जाता है ,।
उत्तराखंड का राजकीय पशु कस्तूरी मृग है ।
 उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति______
उत्तराखंड के उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हिमाचल ,और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से घिरा हुआ है।

उत्तराखंड को फूलों की घाटी भी कहा जाता है जो गढ़वाल के चमोली क्षेत्र में स्थित है।

भारत का सबसे पुराना नेशनल पार्क जिम कॉर्बेट भी उत्तराखंड के रानीखेत में स्थित है। जो पर्यटकों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र बना रहता है।

उत्तराखंड का उच्च न्यायालय उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है।

उत्तराखंड में पेड़ों को बचाने का प्रसिद्ध आंदोलन चिपको आंदोलन भी सुंदरलाल बहुगुणा ने चलाया था।

उत्तराखंड का पहले का नाम उत्तरांचल था जो 1 जनवरी 2007 में इसका नाम बदलकर उत्तराखंड रखा गया।


कुमाऊं पौराणिक ग्रंथों में कुर्मांचल क्षेत्र मानस खंड के नाम से प्रसिद्ध था । कुर्मांचल व कुमाऊं   चंद राजा के शासन के लिए प्रसिद्ध था।।

हिंदू धर्म की पवित्र नदी गंगा नदी भी उत्तराखंड से ही बहती है।।

 उत्तराखंड की प्रमुख पवित्र नदियां---

1- भागीरथी नदी भागीरथी नदी उत्तराखंड की पवित्र नदी है जो टिहरी गढ़वाल केधुत्तु के   उत्तर  से निकलती है।


2- अलकनंदा नदी -अलकनंदा नदी पवित्र धाम बद्रीनाथ के उत्तर में हिंद खंड से निकलती है।


3- विष्णु गंगा--  इस नदी का समायोजन अलकनंदा नदी में विष्णुप्रयाग में हुआ है ।


4--ध्वल गंगा-यह नदी अलकनंदा नदी  की सहायक नदी है जो कामत हिमशिखर के पूर्व से निकलती है।


5-   पिंडर नदी- यह नदी जो पिंडारी हिमखंड से निकलती है और कर्णप्रयाग में अलकनंदा से मिल जाती है।

6- धौली गंगा नदी- जो गढ़वाल वह तिब्बत के बीच नीति दर्रे से निकलती है।

7- अमृत गंगा नदी -यह नदी भी एक पवित्र नदी है जो कांगभुसंड हिमखड से निकलती है।

8- दूध गंगा -यह भी उत्तराखंड की एक पवित्र नदी है जो काला पानी हिमखंड से निकलती हैं।

9- मंदाकिनी-- यह नदी सलो पंथ तथा खरका हिमखंड से निकलती है और रुद्रप्रयाग में अलकनंदा से मिल जाती है।।


10-काली नदी- (काली गंगा) -- यह काली गंगा  पूर्वी कुमाऊं व पश्चिमी नेपाल  क्षेत्र में बहती है   इसकी सहायक नदी  धौलीगंगा है।

11- सोंग नदी-  यह नदी दून घाटी के मध्यवर्ती भाग के क्षेत्रों से गुजरकर ऋषिकेश -हरिद्वार में  गंगा से जाकर मिलती है।


12-- गोला नदी- यह नदी कुमाऊं की तलहटी में एक छोटी सी नदी है इसका जलागम शिवालिक पर्वतों से होकर हल्द्वानी शहर की पूर्वी भाग  मैं बहती है।


13- रामगंगा नदी -यह नदी दक्षिणी पश्चिमी  कुमाऊं से होकर बहती है।


14- कोसी नदी -'यह नदी उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से होकर बहती है। कुमाऊं की यह नदी  संसाधन की दृष्टि से  काफी महत्वपूर्ण मानी जाती  है।



 उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन क्षेत्र--



पर्यटन की दृष्टि से भी देखा जाए अगर उत्तराखंड को इसका एक अपना ही महत्वपूर्ण स्थान है।।

 काफी लोग दूर-दूर से यहां पर गर्मियों की छुट्टियों को बिताने के लिए आते हैं।


 केदारनाथ, नैनीताल, गंगोत्री, चमोली, बद्रीनाथ ऋषिकेश ;हरिद्वार , फूलों की घाटी चमोली, मसूरी ,चकराता ,रानीखेत, भीमताल ,नैनीताल, कौसानी ,उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों में से एक माने जाते हैं।।


 उत्तराखंड का हर क्षेत्र का काफी महत्वपूर्ण स्थान है । माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला थी बछेंद्री पाल वह भी उत्तराखंड की ही है।।

सबसे पहला परमवीर चक्र जिन्होंने प्राप्त किया था मैजर
सोमनाथ वह भी उत्तराखंड के ही निवासी थे।

उत्तराखंड को वीरों की भूमि भी कहा जाता है जहां हर साल हजारों लड़के फौज के  खतरों को देखते हुए भी भरती होते हैं । यहां कुमाऊं और गढ़वाल की भी  रेजीमेंट   है।


भारत का सबसे बड़ा पर्वत नंदा देवी  पर्वत गढ़वाल के के चमोली जिले में वह भी वह भी उत्तराखंड में ही है जो  उत्तराखंड की शान को और अधिक बढ़ाता है ।।

  देश की पहली आई  टी
 हिंदी प्रयोगशाला भी देहरादून में ही है।


हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माने जाने वाले चारों धाम भी उत्तराखंड में ही है। जो धार्मिक दृष्टि से बहुत अधिक अपना महत्वपूर्ण स्थान रखते है.।


 देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय भी उत्तराखंड में है जो 1960 में बनकर तैयार हुआ था।


उत्तराखंड की साक्षरता दर भी 79%  है।


2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड 11वाँ सबसे साक्षर राज्य था।
 

उत्तराखंड एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी अधिकारिक भाषा संस्कृत है। यहां प्रमुख भाषा हिंदी है,
और कुमाऊं क्षेत्र और गढ़वाल क्षेत्र में कुमाऊनी और गढ़वाली भाषा बोली जाती है ।

उत्तराखंड में 13 जनपद है

1-पिथौरागढ़ 2- अल्मोड़ा  3-बागेश्वर 4 चंपावत 5 -
नैनीताल 6 -उत्तरकाशी 7-  उधम सिंह नगर 8- टिहरी गढ़वाल 9-रुद्रप्रयाग  10-पौड़ी गढ़वाल  11-हरिद्वार 12-दैहरदून  और 13-चमोली ।


बहुत-बहुत धन्यवाद मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए ।

फिर मैं वापस आऊंगी एक नई जानकारी लेकर  उत्तराखंड  की   
धन्यवाद

Comments