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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और ...

जिंदगी कितनी बोरिंग हो गई !!!!

 नमस्कार एक बार फिर से स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉक में 




 आज करोना का दौर चल रहा ह। न जाने कितने लोग अपनों से बिछड़ गए हैं ।

सब लोग अपनी रोजी-रोटी से भी अलग हो गए हैं। न जाने कब तक इसी तरह  करोना  जिंदगी को निगलता रहेगा ।



जब पहली बार सुना था करोना के  बारे में तो,  तो हमें यह लगता था अभी तो चीन में ही है या भारत में नहीं फैल सकती ।

धीरे-धीरे जब पूरे देश में यह बीमारी फैलने  लगी  तो भी लगा ,
यह बीमारी हमारे आसपास नहीं फैल सकती है ,अब धीरे-धीरे हर गली हर मोहल्ले में अब बीमारी फैल रही है ।



मार्च से सितंबर के बीच का जो समय रहा वह भारत देश की बात कर रही हूँ  तो करोना का  ग्राफ किस तरह से बड़ा है हम सभी को पता है ।


 भारत में शुरू में देखें और अगर अब देखें तो    मृत्यु दर भी काफी बढ़ने लगा है।

 


हर दिन करोना में  एक नया उछाल  दिख रहा है  । करोना के संक्रमण  के  हिसाब से अमेरिका के बाद भारत का दूसरा नंबर आता है ।


अब तो लग रहा है पता नहीं  स्थिती कब ठीक होगी। फिलहाल खुल तो सब कुछ गया है पर स्कूल  और कॉलेज को छोड़कर ।।


पर इस बीमारी को देखकर एक डर मन में बैठ गया है ।
चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है ।

पहले गांव में यह बीमारी नहीं फैली थी, पर धीरे-धीरे गाँव  में भी यह बीमारी अपने पैर पसार रही है ।
 वहीं काम, वही  खबरें सुनकर हम कितना परेशान हो गए हैं।

 ईश्वर से यही प्रार्थना है कि जल्द से जल्द यह बीमारी खत्म हो। और स्थिति पहले जैसे ही वापस ठीक हो जाए और हर इंसान पहले की तरह हंसी जी सकें आज मैंने एक छोटी सी कविता इस बोरियत   भरे समय को लेकर बनाई है 



 अगर आप लोगों को मेरी कविता पसंद आए तो मेरे ब्लॉक को  share कीजिए और कमेंट  कीजिए ।







जिंदगी  यूँ  उदास हो गई, 


लगता है यूँ  जैसे दीवारों में कैद हो गई ।




देखने अपनों को आंखें कितनी बेचैन हो गई,



देखकर लगता है यूँ जैसे जिंदगी हमारी कितनी पीछे हो गई ।



देखने को नजारा बाहर का ,


लगता है यूँ जैसे , आंखें हमारी तरस गई।




 रौनक थी जो पहले बंजारो में,


 न जाने वह रौनक  कहीं खो से गई ।


 

 देख कर लगता है  यूँ, जैसे रफ्तार जीवन की थम सी गई।




 दूरी थी कम क्या पहले बीच अपनों के,


 समय में इस बीच ,अपनों की दूरी और ज्यादा बढ़ सी गई 


सुनकर खबरें रोज वही टीवी पर,

 जिंदगी हमारी कितनी बोर हो गई।




 कर करके, वही रूटीन एक सा जिंदगी हमारी कितनी थक सी गई।



 जिंदगी  कितनी उदास हो गई,   



 लगता है यूँ जैसे  दीवारों में कैद हो गई।    




धन्यवाद 

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