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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

दशहरा

 नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉक में


  मैं  आज  लेकर आई हूँ दशहरा के बारे में छोटी सी जानकारी और अपनी कविता।

दशहरा हिंदू धर्म का बहुत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है ।जो पूरे भारत  देश में मनाया जाता है। दशहरा भारत का  महत्वपूर्ण  पर्व है ।

 दशहरा  का अर्थ है, बुराई पर अच्छाई की विजय। जो हमेशा अक्टूबर या सितंबर को दिवाली के ठीक 20 दिन पहले मनाई जाती ।है ।

इसी दिन रावण का दहन राम के द्वारा किया गया था; तभी से यह परंपरा चली आ रही है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों  की पूजा की जाती है।
 दशहरा रामलीला का आखरी दिन होता है ।इसी दिन राम द्वारा सीता माता को रावण से बचाया गया था। इसी दिन राम  विजय हुई थी । 
 तभी से यह त्यौहार दशहरे के रूप में मनाया जाता है ।
दशहरे के दिन ही रावण, कुंभकर्ण ,और मेघनाद के पुतले बनाए जाते हैं ;और रावण और राम के युद्ध के बाद  रावण को जब मार दिया जाता है, तब राम द्वारा रावण के पुतले का दहन किया जाता है।

 तो बुराई पर  अच्छाई की जीत का संदेश दशहरा हमें देता है ।बच्चे हो या बड़े सभी उत्सुक रहते हैं दशहरे के  त्यौहार में रावण दहन देखने के लिए।
 2020 में   करोना की वजह से रावण दहन शायद सब जगह पर  न किया  जाए,  तो थोड़ी  निराशा हम सभी को  है ,

पर कोई बात नहीं अगले साल यही प्रार्थना करते हैं रावण का  जैसे अंत हुआ उसी तरह करोना का भी अंत हो और 2021 हम   सभी के लिए शुभ साल बनकर आए, और वापस हम सभी सब त्यौहारों  को अपने परिवार वालों के साथ हंसी-खुशी फिर से मना सके।
 मेरी छोटी सी कविता दशहरे के ऊपर अगर आपको मेरी कविता पसंद आए तो मेरे ब्लॉग को शेयर कीजिए और उसमें कमेन्ट कीजिए।



  दशहरा वह  दिन था,

 जब रावण का अंत भगवान  राम ने किया था।


 सीता को पाकर वापस ,

राम ने एक पति धर्म निभाया था।

 कहते हैं रावण बड़ा ज्ञानी था ,

भीतर की बुराई और घमंड ने उसे राक्षस बनाया था।


 बुराई ही उसके अंत का  कारण बना था।

 इसी तरह हर साल रावण का दहन हम करते हैं,


 फिर क्यों वापस हम समाज में बुराइयों रुपी  रावण देखते हैं।


 न जाने कब मनुष्य अपने अंदर की बुराई के रावण का अंत करेगा, 


 न जाने फिर कब यह देश  हमारा  रामराज्य बनेगा।

 दशहरा पर्व है पवित्र, जो बुराई पर अच्छाई का संदेश देता है।





जो हर साल आता है और चला जाता है।


पर समाज में हमारे दशहरा वास्तव में तब होगा,


 जब हर मनुष्य बनकर राम,



अपनी  अंदर की  बुराई रुपी  रावण  को मारेगा ।



तभी  देश हमारा  फिर  से राम राज्य बन पाएगा।।


 धन्यवाद

WISH YOU A PROSPEROUS AND HAPPY DUSHHERA !!!

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