IN THIS BLOG I WRITE POEMS AND INFORMATION ABOUT BEST PLACES TO TRAVEL IN INDIA.
// इस ब्लाॅग में मैं कविताएँ व भारत में सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगह के बारे में
जानकारी देती हूँ ।।
नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से। मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है। तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और ...
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दम घोटती दिल्ली की जहरीली हवा
नमस्कार स्वागत है आप लोगों का एक बार फिर से मेरे ब्लॉक में।
मैं आज लेकर आई हूँ बढ़ रहे दिल्ली के प्रदूषण के बारे में छोटी सी जानकारी और उसके ऊपर मेरी एक छोटी सी कविता।
दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। बच्चे हों या बड़े या फिर बुजुर्ग उनके ऊपर पड़ रहे प्रदूषण से बहुत बुरा असर पड़ रहा है ।
आज से पहले ज्यादा से ज्यादा हम 14 साल पीछे की अगर हम बात करें तो आज जैसे हालात हैं वैसे हालात पहले नहीं थे । दिल्ली हर सुविधा से संपन्न है।
दिल्ली भारत का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है ।आज हम देखे दिल्ली का एयर क्वालिटी 700+ या कहीं इससे से भी ज्यादा हो गया है।
पहले यहाँ वाहन से निकलते हुए धुएँ से जो प्रदूषण था वह कम नहीं था कि उससे भी ज्यादा किसानों द्वारा जलाए गए पराली से निकलता हुआ जहरीला धुआं उसका प्रभाव बहुत जानलेवा पड़ रहा है ।
ऐसा कह सकते हैं करोना को और ज्यादा बढ़ाने में मदद यह आसमान में फैला जहरीले धुआ कर रहा है।
शायद हमें इस बात का एहसास भी नहीं है कि हम दिन प्रतिदिन ना जाने कितनी सिगरेट का धुआं अंदर ले रहे हैं।
हर साल अक्टूबर में जो आसमान में जहरीला धुआं फैल जाता है हम सब को कितना बीमार कर रही है और हम सब की उम्र को भी आधा करता जा रहा है।
किसानों द्वारा चलाई जाने वाली पराली का धुआं सभी को अंदर से खोखला कर रहा है पर आज हमारे देश की सरकार सिर्फ अपने स्वार्थ को सिद्ध करने में लगी हुई है ।
अगर किसानों के द्वारा जलाई जाने वाली पराली का कोई हल हमारी सरकार निकाल लेती । शायद फिर दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में इतना प्रदूषण नहीं फैलता।
शरीर को जहरीली हवा अंदर से खोखला कर दी जा रही है।
वक्त से पहले बच्चे हो या युवा बूढ़े होते जा रहे हैं ।
आज करोना से हम लोग मास्क और सामाजिक दूरी करके बच सकते हैं, पर इस जहरीली हवा से दिल्ली वाले कैसे बचे ?
सरकार सिर्फ हर साल तमाशा देखती है ।सरकार हर 5 साल में बदलती है, लेकिन यह स्थिति हमेशा वही बनी रहती है ना जाने यह हालत कब सुधरेंगे ?
न जाने कब हम और हमारी आने वाली पीढ़ी खुली हवा में सांस ले पाएंगे और साफ कर नीला आसमान देख पाएंगे?
दिल्ली न जाने कैसा शहर बन गया,
हवा में इसके जैसे जहर घुल गया।
देखकर लगता है चारों तरफ ऐसा,
जैसे घना अंधेरा सा छा गया।
दिल्ली न जाने कैसा शहर बन गया ।।
करोना का डर था क्या कम पहले,
अब नई मुसीबत स्मॉग भी दिल्ली में छा गया ।
बढ़ते हुए इस धुए ने सभी का सीना छलनी कर दिया,
लगता है जैसे बढ़ रहे इस प्रदूषण में हम लोगों का जीवन आधा कर दिया।।
दिल्ली न जाने कैसा शहर बन गया ।
साफ नीला आकाश देखने को मन तरस गया,
धुए ने सारी दिल्ली को लगता जैसे चादर में अपनी लपेट लिया ।
करवा चौथ में भी मन चांद को देखने के लिए तरस गया ,
घनी धुंध ने रास्ता भी लोगों को भटका दिया।
काली धुंध ने जैसे चलते फिरते इंसानों को बीमार कर दिया,
दिल्ली न जाने कैसा शहर बन गया ।
हर साल बढ़ रहे इस धुएँ ने वक्त से पहले बच्चे हो या युवा सभी को बूढ़ा कर दिया।
हो अपराध या प्रदूषण दिल्ली सब शहरों में नंबर वन बन गया।
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