नमस्कार स्वागत है आपका का फिर से मेरे ब्लॉक में।
मैं आज लेकर आई आई हूँ आज का दिन क्यों पवित्र माना जाता है उसके बारे में छोटी सी जानकारी तो चलिए चलते हैं जाने के लिए आज का दिन क्यों खास है हिंदू धर्म में ।
यूं तो भारत अलग-अलग संस्कृति का देश माना जाता है जितनी संस्कृति है उतने ही यहाँ पर त्योहार भी मनाए जाते हैं।
आज है 14 जनवरी जो हिंदू धर्म में बहुत ही खास है ।जो है मकर संक्रांति। पूरे भारत में यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ।जितने राज्य उतने ही इस त्यौहार को मनाने का तरीका भी बिल्कुल अलग।
तरीका जो भी हो पर हमें हमें मतलब है त्योहार मनाने से तो चले चलते हैं अलग अलग राज्य में किस तरह से त्योहार मनाया जाता है।
1- पंजाब और तमिलनाडु- बात करें हम अगर पंजाब और तमिलनाडु में तो इस महीने में फसल काटने का समय होता है। इसलिए सभी राज्यों के किसानों के लिए यह दिन कुछ ज्यादा ही खास माना जाता है ।पंजाब में इसे लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है ।सभी लोग आग जलाकर उसकी पूजा करते हैं । यहाँ पर यह त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
2- उत्तर प्रदेश और बिहार- बात करें अगर हम उत्तर प्रदेश की और बिहार की तो इसे खिचड़ी त्योहार के नाम से जाना जाता है ।कहा जाता है यह त्योहार बहुत पवित्र होता है ।इस दिन दान किया जाता है । जिससे हमारे घर में खुशियां आती है ।यह महीना धर्म का भी माना जाता है।
3-इलाहाबाद- इलाहाबाद में तो मकर संक्रांति के ही दिन माघ मेले की का भी शुभारंभ होता है। माघ का पहला स्नान मकर संक्रांति के दिन होता है। माघ के महीने में दान का विशेष महत्व होता है और दान में भी शुद्ध खिचड़ी दान की जाती है ।और लोग घर में भी खिचड़ी बनाते हैं और जो खिचड़ी बनाई जाती है वह उड़द दाल की बनाई जाती है ।
4-महाराष्ट्र- महाराष्ट्र में भी यह त्योहार मनाया जाता है ।खासतौर पर विवाहित स्त्रियां अपनी पहली मकर संक्रांति पर कपास, तेल ,नमक घुड़ ,तिलक और रोली आदि की चीजें दूसरी महिलाओं को देती हैं । और सभी के जीवन में मंगल कामना की प्रार्थना करते हैं ।
5-राजस्थान - राजस्थान मे किस तरह मनाया जाता है तो यह सुहागन महिलाओं के लिए यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। सभी सुहागन स्त्रियाँ अपनी सास को सुहागन का सामान देकर आशीर्वाद लेती हैं। साथ यहाँ पर 14 ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है।।
6- पश्चिमी बंगाल- बात करें हम अगर पश्चिमी बंगाल की तो इस दिन में यहाँ गंगासागर मेले के नाम से मेला लगता है। सभी लोग गंगा में स्नान करते हैं।
कहा जाता है मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थी ।इसलिए मान्यता है इस दिन गंगा में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं।
7-गुजरात- बात करें हम गुजरात में यह त्योहार कैसे मनाया जाता है तो गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण कहकर पुकारा जाता है। गुजरात में इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है। गुजरात में पतंग उत्सव भी मनाया जाता है ।
8-कर्नाटक- कर्नाटक में इसे फसल त्योहार के नाम से जाता है ।इस दिन बैलों और गायों की शोभायात्रा निकाली जाती है। और खुद नए कपड़े पहन कर एक दूसरे को सुखा नारियल, गन्ना और भूने चने देते हैं।
9-तमिलनाडु - तमिलनाडु में यह त्योहार कुछ अलग तरीके से मनाया जाता है। यहाँ पर इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं। यह चार दिन का होता है ।
1-पहला दिन -भोगी पोंगल के रूप में मनाया जाता है
2 --दूसरा दिन- सूर्य पोंगल के नाम से जाना जाता है।
3- तीसरा दिन -मट्टू पोंगल- के नाम से मनाया जाता है।
4-चौथा दिन कन्या पोंगल- के नाम से जाना जाता है ।
इस त्योहार के दिन सबसे पहले उठकर स्नान किया जाता है।
फिर खुले आंगन में मिट्टी के बर्तन में खीर बनाई जाती है जिसे पोंगल कहते हैं। इसके बाद सूर्य की पूजा की जाती है और फिर उस खीर को प्रसाद के रूप में स्वयं और दूसरों को बांटा जाता है। तो इस तरह तमिलनाडु में मकर संक्रांति का त्योहार पोंगल के रूप में मनाया जाता है।
10 -उत्तराखंड- अगर हम उत्तराखंड की बात करें तो इस त्योहार का कुछ खास महत्व है। उत्तराखंड में इस त्योहार की खास को तैयारी की जाती है। बच्चे इसके लिए बहुत उत्साहित रहते हैं ।क्योंकि इस दिन यह मान्यता है अगर सुबह उठकर ठंडे पानी से स्नान किया जाए तो वह स्नान गंगा के समान पवित्र माना जाता है ।माघ का महीना हिंदू धर्म में धर्म का महीने के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए लोग इस दिन हरिद्वार जहाँ - जहाँ गंगा नदी बहती है वहाँ पर स्नान कर करते हैं । कुमाऊं में अनेक जगहों में इस दिन मेले का भी आयोजन किया जाता है। यह इतना पवित्र दिन माना जाता है कि हिंदू धर्म का पवित्र संस्कार जनेऊ संस्कार भी इसी दिन करना बहुत शुभ माना जाता है कुमाऊं में इस त्योहार का अपना अलग ही महत्व है। इस दिन लोग सुबह- सुबह उठकर स्नान करके सूर्य को पानी चढ़ाते हैं। इस दिन को कुमाऊं में घुघुती त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है। जिसे बनाने में के लिए आटे में गुड़, तिल को मिलाकर आटा तैयार किया जाता है ।
फिर उसे घुमा- घुमा कर एक विशेष प्रकार का व्यंजन बनाया जाता है। फिर से शाम को तलकर और दूसरे दिन उसकी माला बनाई जाती है। बच्चे खासतौर पर इस दिन उत्साहित रहते हैं
।क्योंकि जो घुघुती बनाई जाती है उसकी माला बच्चों को पहनाई जाती है। दूसरे दिन ही सबसे पहले इन बनाए गए व्यंजन कौओं को खिलाया जाता है. ।
इस दिन यह भी मान्यता है कि मकर संक्रांति के एक दिन पहले जितने भी कौवे हैं वह गंगा में स्नान करके दूसरे दिन इस प्रसाद को खाने के लिए आते हैं। जो उन्हें प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
इस दिन का एक अलग ही महत्व है और एक अलग ही रौनक पूरे उत्तराखंड में होती है।
मकर संक्रांति का यह दिन पूरे भारतवर्ष में एक पवित्र दिन के रूप में मनाया जाता है ।
जितने राज्य उतने ही इस त्योहार को मनाने का अलग तरीका है। पर जो भी हो यह त्योहार अपने आप में बहुत खुशहाली लाने वाला होता है।
मकर सक्रांति की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई हो
धन्यवाद मेरा ब्लॉक पढ़ने के लिए
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