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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

72वाँ गणतंत्र दिवस

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉक में।
  
 आज आप सभी को पता है गणतंत्र दिवस है जो एक राष्ट्रीय पर्व है और पूरे भारतवर्ष में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। तो उसी के ऊपर आज मेरी छोटी सी कविता उस पर मेरा लेख आधारित है ।
गणतंत्र दिवस जो हर साल 26 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस को पूरा भारत वर्ष हमारा बंद रहता है। गणतंत्र दिवस हम क्यों मनाते हैं छोटी सी जानकारी पहले हम ले लेते हैं।
   
      
 26 जनवरी 1950 को 'भारत सरकार अधिनियम एक्ट 1935' को हटाकर पूरे देश में संविधान लागू हुआ था ।।इसी दिन से भारत स्वतंत्र गणराज्य बना ।जिसका अपना एक लिखित संविधान था। देश में कानून स्थापित करने के लिए ही संविधान को 26 नवंबर 1949 में भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया  गया।

 संविधान की जब भी हम बात करें तो अगर हम    संविधान के जनक डा. भीमराव अंबेडकर के बारे में बात ना करें तो संविधान की बात अधूरी मानी जाएगी।

 हम सभी के प्रिय नेता और एक महान समाज सुधारक डॉ भीमराव अंबेडकर जी को संविधान का जनक या पिता माना जाता है ।
26 नवंबर 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी को ही  संविधान लागू करने के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। भारत देश जब आजाद हुआ तो संविधान सभा की घोषणा भी  हुई।   

संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर सन 1946 में हुई थी ।संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने गए थे।
 इनमें प्रमुख रूप से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ,जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल ,मौलाना अबुल कलाम जी प्रमुख थे।

 संविधान निर्माण में कुल 22 समितियां थी  । जिसमें प्रारूप समिति सबसे प्रमुख थी ।
 प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे ।प्रारूप समिति का ही कार्य संविधान निर्माण का था ।

संविधान निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे थे ।संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद बने।
  
 26 नवंबर सन 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ ।और संविधान सभा को यह रिपोर्ट सौंपी गई ।इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है ।
अनेक सुधार और बदलाव के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए और 2 दिन बाद संविधान को सुबह 10:18 मिनट पर भारत देश में संविधान लागू किया गया ।संविधान लागू होने के बाद भारत एक  गणतंत्र देश  बना और 6 मिनट बाद 26 जनवरी को यानी इसी दिन 10:24  मिनट पर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और वे आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने ।
इसी दिन पहली बार राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन निकले थे।

इसलिए 26 जनवरी हम सभी के लिए महत्वपूर्ण और गौरवशाली दिन माना जाता है।
 26 जनवरी के ही दिन देश के सैनिक जो बॉर्डर में रहकर देश के लिए शहीद हो जाते हैं ।इन सभी को वीर चक्र, परमवीर चक्र और  सैनिक सम्मान भी दिया जाता है।       

 राजपथ पर देश के वीरो द्वारा की गई परेड दिल को गौरव से भरने वाली होती है और साथ ही अलग-अलग राज्यों की झांकियाँ भी देखने लायक होती हैं।
 26 जनवरी पर मेरी छोटी सी कविता 

 बनकर संविधान भारत का 2 साल 11 माह 18 दिन में तैयार हुआ ,

जो आज के ही दिन 26 जनवरी को देश में पूरे लागू हुआ।
  
अथक प्रयास  से संविधान निर्माताओं के ,
संविधान हमारा विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान हुआ।

 देखकर परेड राजपथ पर सैनिकों की,
 हम सब का हृदय खुशी से गदगद हुआ ।
देकर सम्मान आज के दिन ही शहीद सैनिकों को,
 उन सभी शहीदों को फिर सभी ने याद किया।

गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई 
जय भारत जय हिंद     

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