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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

भारत देश की वीरांगना-अंशु जामसेनपा

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉक में।

 मैं आज लेकर आई हूँ एक ऐसे व्यक्ति के बारे में ऐसी जानकारी जो महिला होने के बावजूद भी उन्होंने  ऐसा कारनामा कर दिखाया जो हम सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है तो चलिए चलते हैं जाने के लिए वह कौन है।
 आज के समय में नारी सभी क्षेत्रों में चाहे वह घर हो या बाहर कोई  भी क्षेत्र  हो वह 
 पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। बात करते हैं अंशुजामसेनपा की।  जो एक सीजन में दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दुनिया की पहली महिला  बनी।


 माउंट एवरेस्ट सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है। न जाने कितनी मुश्किलों का सामना कर उन्होंने यह रिकॉर्ड       बनाया। इनको इस साल पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। 
 जो लोग पर्वत में चढ़ने के शौकीन होते हैं। उन सभी लोगों का सपना माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का होता है ।लेकिन हर किसी का सपना पूरा हो यह  जरूरी नहीं होता।  अंशु जामसेंपा का जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर एक बार नहीं बल्कि 5 बार चढ़ाई करी है। इस उपलब्धि के कारण उनको  इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया ।
अंशु जी 37 साल की जो दो बच्चों की मां है।  अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली है। जामसेंपा ने माउन्टेरिंग की शुरुआत 2009 में की थी। 2009 से ही वह एडवेंचर स्पोर्ट्स का हिस्सा बनी और रॉक क्लाइंबिंग   भी करने लगी।फिर एक दिन  अरुणाचल Mountaineering and adventure sports association  के लोगों ने उनके पति को इस बारे में बताया और माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए उन्हें काफी प्रोत्साहित भी किया।

 किसी भी सपने को पूरा करने के लिए हर व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है ।पर हर कोई सफल हो यह जरूरी नहीं है।  जो भी इन कठिनाइयों पर जो डटे रहते हैं वही आगे जाकर सफल होते हैं ।
अंशु जी ऐसी थी जिन्होंने कई कठिनाइयों के बाद भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने  का सपना नहीं छोड़ा। एक बार  जब वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना शुरू हुई फिर उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता प्राप्त करती गई। 
 जब उन्होंने पहली बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ी उन्हें लगा कि  वह ईश्वर के एकदम करीब पहुंच गई है।

 उनके पिता इंडो तिब्बत बॉर्डर  में पुलिस ऑफिसर हैं और उनकी मां एक नर्स है। वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला है  जिन्होने  Mount Everest पर एक सीजन  में दो बार चढ़ने वाली महिला बनी।

 पहली बार वह 2011 में दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ी थी।

 उसके बाद 18 मई 2013 को तीसरी बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ी और सफलता हासिल की। हम सभी को अंशु जामसेनपा पर बहुत गर्व है। जिन्होंने भारत देश में जन्म लेकर सभी को गर्व महसूस करवाया।


बात अगर हम करें उन महिलाओं की जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर सफलता प्राप्त करें तो उनके नाम इस प्रकार है।

1-जुनको ताम्बे- जुनको तांबे एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला थी जिन्होंने 10 मई 1975 में एवरेस्ट पर चढ़कर सफलता प्राप्त कर थी।

2- लखपा शेरपा- यह एक ऐसी महिला थी जिन्होंने एक बार नहीं बल्कि 8 बार एवरेस्ट पर चढ़कर सफलता प्राप्त करी थी।

3- बछेंद्री पाल- बछेंद्री पाल 1984 में एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दूसरी भारतीय महिला थी जिन्होंने  एवरेस्ट पर चढ़कर भारत का नाम रोशन किया था।

4-अरुणिमा सिंह- अरुणिमा सिंह पूर्व राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी और एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली विकलांग महिला थी।
5-पूर्णा-  पूर्णा   एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की लड़की है। जो 25 मई 2014 में पहली बार एवरेस्ट पर चढ़ी और इनके ऊपर एक फिल्म भी बनी हुई है।
5-संतोष यादव- संतोष यादव सन 1992 में एवरेस्ट पर चलकर सफलता प्राप्त करने वाली एक  जानी-मानी हस्ती है ।दूसरी बार 1993 में चढ़ी और 2000 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।

6- Linda brandy एक ऐसी पर्वतारोही थी जो न्यूजीलैंड के निवासी है और ऑक्सीजन सपोर्ट के सन 1988 में अवश्य पढ़कर ऐसी महिला बनी बिना ऑक्सीजन के सफलता प्राप्त की थी।

7-एडमन्ड हिलेरी-29 मई 1953 को न्यूजीलैंड की एडमंड हिलेरी और नेपाल  के भारतीय मूल के नागरिक तनसिंग नार्गे   थे जिन्होंने पहली बार एवरेस्ट  पर चढ़कर सफलता प्राप्त की थी ।
Bahut bahut dhanyvad Mera block banane ke liye

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