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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

भारतीय मुद्रा के बारे में बेहद रोचक जानकारी

 नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉक में।
 मैं आज देकर आई हूँ भारतीय मुद्रा के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी।
 तो चलिए चलते हैं जाने के लिए वह रोचक जानकारी क्या है।
 भारतीय रुपए के लिए प्रयोग किया जाने वाला चिन्ह को मुद्रा चिन्ह कहते हैं। यह डिजाइन  भारत सरकार द्वारा 15 जुलाई सन 2010 को सार्वजनिक किया गया था ।
अमेरिकी डॉलर ,ब्रिटिश पाउंड ,जापानी येन और यूरोप संघ के यूरो के बाद अब भारतीय   रुपया 5 वीं ऐसी   मुद्रा बन गयी है। जिससे अब प्रतीक चिन्ह के रूप में जाना जाता है। 

यह डिजाइन कैसे अस्तित्व में आया है इसके  बारे में बेहद रोचक जानकारी है।

 5 मार्च 2009 को  भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा भारतीय रुपए के चिन्ह निर्माण की खुली प्रतियोगिता आयोजित  हुई।।
जिसमे 3000 से भी ज्यादा लोगों ने आवेदन दिए थे। यूनियन बजट 2010 के दौरान वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि प्रस्तावित चिन्ह   भारतीय संस्कृति के अनुकूल होना चाहिए।

 3331 आवेदनों में से केवल  पाँच को शॉर्टलिस्ट किया गया।
 जिनमें थे  माॅन्दिता कोरिया मेहरोत्रा, हितेश पद्यशैली, शिविन केक, शाहरुख ईरानी तथा डी कुमार द्वारा डिजाइनों को पसंद किया गया था।
 लेकिन उनमें से एक 24 जून 2010 को यूनियन कैबिनेट की मीटिंग में फाइनल किया जाना था।
 वित्त मंत्री के अनुरोध पर निर्णय रुक गया ।

15 जुलाई 2010 की एक मीटिंग में निर्णय लिया गया। डी उदय कुमार द्वारा डिजाइन चिन्ह को बहुत पसंद किया गया।   इस डिजाइन को आरबीआई के अध्यक्ष ने एक कमेटी गठित करी थी जिसके द्वारा यह निर्णय लिया गया।
यह डिजाइन   भारतीय संस्कृति, भारतीय भाषा और लैटिन भाषा का मिलाजुला रूप है। सभी ने इसे बेहद पसंद किया।
 हम जब भी देखते हैं भारतीय मुद्रा का डिजाइन  देवनागरी अक्षर के पर आधारित है  'र' और  लैटिन भाषा के R का आधा रूप भी हमें   देखने को मिलता है। 
जो कि  दो भाषाओं का मिश्रण है ।
दोनों के ऊपर दो लंबवत रेखा खींची गई है और बीच में रिक्त स्थान को छोड़ा गया है उसका मुख्य कारण    वह भारतीय झंडे से प्रेरित है।

 खूबसूरत डिजाइन करने वाले व्यक्ति के बारे में हम जानते हैं कि  यह कौन हैं । यह डिजाइन किया गया था डी उदय कुमार द्वारा जो तमिलनाडु निवासी हैं। और मुख्य रूप से आईआईटी कॉलेज गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
 यह बात हम सभी को स्वीकार करनी पड़ेगी भारतीय मुद्रा का डिजाइन हमारी भारतीय संस्कृति को परिभाषित करता है ।
26 अगस्त 2010 में  वित्त मंत्रालय द्वारा इसे स्वीकृती मिली। 
 यह थी छोटी सी जानकारी भारतीय मुद्रा के बारे में  जो भारतीय संस्कृति की पहचान है ।
धन्यवाद मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए ।

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