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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क







नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉक में।
 आज मैं लेकर आई हूँ भारत की सबसे पुराने नेशनल पार्क के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी ।
तो चलिए चलते हैं जानने के लिए मैं  कौन से  नेशनल पार्क में बात कर रही हूँ।

मैं   बात  कर रही हूँ,    भारत के सबसे पुराने राष्ट्रीय उद्यान यानी नेशनल पार्क जिम कॉर्बेट के बारे में।
 जो बनाया गया था, सन 1936 में लुप्त प्राय यानी जो खत्म हो रहे हैं बंगाल बाघ की रक्षा के लिए।जिसे   हैली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था।
 जो स्थित है नैनीताल जिले और उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल गढ़वाल जिले में।
 बात करें अगर हम इस  राष्ट्रीय उद्यान का नाम जीम काॅरबेट कैसे।
 पड़ा इसका नाम प्रसिद्ध शिकारी और प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट के नाम से पड़ा।

  सर्दियों में यहाँ की रातें काफी आपको ठंडी  मिलेंगी  और दिन में    चमकदार धूप के साथ मौसम बहुत सुहावना रहता है ।क्योंकि  पहाड़ी  इलाका है तो मौसम  पूरे  साल भर सुहावना रहता है ।जुलाई से सितंबर तक यहाँ पर बारिश होती है। जो बहुत ज्यादा मात्रा में होती हैं ।यहाँ  पर आपको हल्दू, पीपल, रोहिणी और  आम के पेड़ भी मिलेंगे।
 इस पार्क में  लगभग 73% वन शामिल है जबकि 16% भाग में आपको घास के मैदान दिखाई देंगे।

 यहाँ पर आपको  110 पेड़ों की प्रजातियां, स्तनधारी जीवो की 50 प्रजातियां,  580 पक्षी  की प्रजातियां और जमीन में रेंगने वाले प्राणियों की प्रजातियां भी देखने को मिलेंगी।
 यहाँ की सबसे खास बात यह है कि आपको रॉयल बंगाल टाइगर की गंभीर रूप से लुप्त प्राय प्रजाति देखने के लिए मिलेंगी ।
वन्य जीव संरक्षण और लेखक जिम कॉर्बेट ने 1936 के  दौरान  इस   क्षेत्र  की स्थापना  में ब्रिटिश  सरकार की सहायता की  थी।
 इसके बाद क्षेत्र में लगभग 300 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करते हुए हैली नेशनल पार्क नाम का एक वन्य जीव   आरक्षित क्षेत्र स्थापित किया गया ।
 1955 और 1956 में इस जगह का नाम बदलकर इस  जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क  रख दिया ।
  इसका नाम जिम कॉर्बेट को श्रद्धांजलि और वन्य जीव संरक्षण के लिए उनके योगदान के लिए रखा गया ।
क्योंकि जिम कॉर्बेट ने इस क्षेत्र की  स्थापना में महत्वपूर्ण  भूमिका  निभाई थी।

 सन 1969 में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के अभियान द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर की लॉन्च के लिए चुना गया। इन   क्षेत्रों को अलग- अलग भागों में   में विभाजित किया गया है। जो इस तरह प्रकारहै-  


जीम  कॉर्बेट की प्रमुख जगह है-

1- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का ईस्ट जोन- 
इस जोन  को आने वाले पर्यटकों के लिए बनाया गया है ।यहाँ पर आने वाले पर्यटक पोर्टफोलियो में घूम सकते हैं। और यहां पर घूमने वाले सभी जानवरों को बहुत पास से देखने का आनंद भी उठा सकते हैं । यहाँ आने वाले पर्यटक ईस्ट जोन में आना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि यहाँ पर जानवरों को हम बहुत पास  से देख सकते हैं।



2- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का बिजरानी ज़ोन-
 यह जोन रामनगर से 1 किलोमीटर दूरी पर है। इस ज़ोन में हरे भरे वनों की पैदल यात्रा का आप लोग आनंद उठा सकते हैं ।लोग यहाँ पर पैदल चलना बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यहाँ पर आपको चारों तरफ सिर्फ बड़े-बड़े पेड़ और हरियाली ही दिखाई देगी ।यह जगह जिम कॉर्बेट की खूबसूरत जगह में से एक है। अक्सर पर्यटक यहाँ पर आना बहुत पसंद करते हैं।
3 जिम कार्बेट नेशनल पार्क का झिरना पीड ज़ोन- 
यह ज़ोन रामनगर से 16 किलोमीटर दूरी पर है। यह ज़ोन  बाकी सभी क्षेत्रों के बीच नए तरीकों से बनाया गया है। यह ज़ोन शहरी सीमा से जुड़ा है ।यहाँ पर आप बस और टैक्सी से अराम से पहुंच सकते हैं। यह जगह भालूओं को देखने के लिए जानी जाती है ।इसलिए  इस ज़ोन  में भी लोग आना बहुत पसंद करते हैं।

4- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का ढरेरा ज़ोन- 
यह एक ऐसा ज़ोन  है जो पर्यटकों के लिए पूरे तरीके से खुला हुआ है। यहाँ पर  हरे भरे पेड़ आसपास खूबसूरत नजारे हमें देखने को यहाँ पर मिलेंगे। सभी को अपनी ओर यह ज़ोन  आकर्षित करता है। क्योंकि आप यहाँ पर  आप कहीं भी इधर उधर जा सकते हैं।
5- जिम कार्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला ज़ोन -
 यह जॉन जैव विविधता के लिए विशेष रूप से  प्रसिद्ध है। यह रामनगर से 18 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर इस जगह को आप अच्छे से घूमना चाहते हैं आनंद लेना चाहते हैं ;तो एक रात आपको यहाँ पर जरूर ठहरना चाहिए क्योंकि एक रात ठहरने से आप अच्छी तरीके से यहाँ के नजारों का आप आनंद उठा पाएंगे। यहाँ पर रुकना रोमांच से   आप लोगों को भर देगा।
6 -जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का दुर्गा देवी ज़ोन-  यह रामनगर से 36 किलोमीटर की दूरी पर है। यह  मुख्य रूप से पक्षियों को देखने के लिए जाना जाता है।यहाँ   पर आपको हर तरह के पक्षी दिखाई देंगे। यह  जगह जिम कॉर्बेट के सभी जगहों में से  बच्चों को खास अपनी और आकर्षित करती है। क्योंकि यहाँ पर आपको अलग-अलग पक्षियों की प्रजातियां दिखाई देंगी ।

यह सारी जगह आपको जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में देखने को मिलेंगे।
 पर जाने का जो समय अच्छा माना जाता है  वैसे  पूरे साल मौसम सुहावना रहता है।
 लेकिन यात्रा का सबसे अच्छा समय नवंबर और फरवरी का रहता है। गर्मी ज्यादा नहीं होती है यहाँ पर ।मानसून यानी जून और अगस्त का मौसम अच्छा रहता है लेकिन बरसात का मौसम होने की वजह से यह समय घूमने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

 पहुंचने का अगर हम बात करें तो एक पर्यटन क्षेत्र होने की वजह से आने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है। यह पार्क दिल्ली से 260 किलोमीटर दूरी पर है। भारत के उत्तराखंड के रामनगर में है । भारत की राष्ट्रीय राजधानी शहर के निकटतम होने के कारण पार्क तक रेलवे और सड़क मार्ग से पहुंचने की कोई भी आप लोगों को या परेशानी नहीं होगी।

 कॉर्बेट का रेलवे स्टेशन रामनगर है जो पार्क से केवल 12 किलोमीटर की दूरी पर है।
 जो दिल्ली, हरिद्वार ,लखनऊ और  वाराणसी से जुड़ा हुआ है।
 दिल्ली से रामनगर की केवल एक ही ट्रेन चलती है और कई स्टेशन में रूकती है। तो पर्यटन क्षेत्र होने के कारण आने जाने की कोई भी समस्या नहीं है।

 बात करें अगर हम यहाँ रुकने की तो पर्यटन क्षेत्र है होटल और धर्मशाला आपको यहाँ पर सही मूल्य पर मिल जाएंगे।
 इसलिए जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को घूमने के लिए एक संपूर्ण जगह हम कह सकते हैं ।

धन्यवाद मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए 


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