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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International women's day)g

 नमस्कार स्वागत है एक बार फिर से मेरे ब्लॉक में आप सभी का।


 मैं आज लेकर आई हूँ बहुत ही महत्वपूर्ण विषय  और  उसके  ऊपर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी । उसके बारे में अपने  विचार और एक छोटी सी कविता ।



  आज समय बहुत बदल चुका है। दुनिया के हर हिस्से में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ती जा रही हैं; और आज तो बहुत ही खास दिन    है।
 आज पूरे  विश्व की महिलाओं  के लिए   बहुत खास दिन हैं । क्योंकि आज है  महिला दिवस यानी इंटरनेशनल वुमंस डे ।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल  8 मार्च को मनाया जाता है।

 इस दिवस की शुरुआत आज से 112 वर्ष पहले 1908 में हुई थी।
 जब अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में करीब 13000 से भी ज्यादा महिलाएं सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए उतरी  थी।
 यह महिलाएं थी जो काम के कम घंटों, बेहतर सैलरी ,वोटिंग के अधिकार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही थी और अपने हक के लिए लड़ रही थी।
 इस प्रदर्शन के 1 साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की।।

 लेकिन महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का 
विचार एक महिला क्लारा जेटकिन का था। इन्होंने सन् 
1910 में विश्व स्तर पर महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। क्लारा उस वक्त यूरोपीय देश डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं की अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस में शिरकत कर रही थी। कार्यक्रम में 100 महिलाओं, जो 17 देशों से आई थी सब लोगों ने हिस्सा लिया और क्लारा के इस प्रस्ताव को सभी महिलाओं ने स्वीकार किया ।
पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में Austria ,डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया। इस साल हम 109वाँ  अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं ।
पर हम में से शायद बहुत सारे लोग इस बात को नहीं जानते हैं कि आज ही  यानी 8 मार्च को ही महिला दिवस क्यों मनाया जाता है। जी हां इसके पीछे भी कारण है 


जब एक बार रूस में महिलाओं ने ब्रेड और पीस की मांग करते हुए 4 दिनों की हड़ताल की थी ।उसके बाद जार   निकोलस को अपना पद छोड़ना पड़ा। उसके बाद रुस की अस्थायी  सरकार ने महिलाओं को मत देने का अधिकार दिया ।जब रूस में हड़ताल हुई तो वहाँ पर उस समय  जूलियन कैलेंडर  चलता था । तो इसके हिसाब से उस दिन 23 फरवरी थी और  दुनिया के बाकी देशों में ग्रेगोरियन कैलेंडर चलता था। तो उस समय  अन्य  देशों में  8 मार्च की तारीख थी। 
इसी कारण हर साल पूरे विश्व में 8 मार्च को ही महिला दिवस मनाया जाता है । यूएसए में पहली बार 28 फरवरी 1909 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था।

मेरा  यह ब्लाॅग  सभी महिलाओं  को समर्पित हैं ।
 
 दिल में बसे वह प्यार है नारी,
 कभी बनकर बहन ,तो कभी बनकर बेटी उसने हर  जिम्मेदारी निभाई।

 कभी बनकर पत्नी, तो कभी बनकर बहू,
नारी  सभी के दिलों में समाई। 

देकर जन्म एक प्राण को उसने, 
बनी मां तभी तो  नारी  जननी कहलाई ।

छुपाकर हर गम और दर्द सीने में,
 फिर भी हर वक्त सामने सभी के वह सदा   मुस्कुराई।

   नारी होकर भी  एक, पर  हैै रूप उसके अनेक, 
 तभी तो वह, नारी नारायणी कहलाई।


 फूल अनेकों चाहिए,
 एक सुंदर माला बनाने के लिए।
 दिए अनेकों चाहिए,
 मंदिर को रोशन करने के लिए। 
शब्द अनेकों चाहिए,
 एक भाषा बनाने के लिए।
 बूँद  पानी की अनेकों चाहिए,
 सागर और नदियां बनाने के लिए।
 पेड़ -पौधे अनेकों चाहिए,
 एक जंगल बनाने के लिए ।
पर नारी एक ही काफी है,
 घर और बाहर दोनों को संभालने के लिए।।


धन्यवाद मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए
  Happy  Women's Day☺☺☺

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