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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

अदृश्य दुश्मन

 नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉक में ।
मैं आज लेकर आई हूँ अपने लेख में एक छोटी सी कविता बढ़ रही इस महामारी के बारे में।



 दिन प्रतिदिन बढ़ रही इस महामारी से आज कोई भी ऐसा देश नहीं है जो परेशान ना हो  रहा हो ।हर देश में आज इस बीमारी को लेकर तबाही मची हुई है । पिछले साल से ही हम इस बीमारी से जूझ रहे हैं ।साल 2020 में  इस बीमारी से पूरा साल सभी लोगों का घर पर ही बीता।
 सोचा था शायद 2021 में इस बीमारी का कुछ अंत होगा पर ऐसा नहीं हुआ ।2021 में इस बीमारी ने  और भी ज्यादा भयंकर रूप धारण कर लिया है।

 2021 में इस बीमारी ने छोटे मासूमों को भी नहीं छोड़ा ।चारों तरफ फैली इस बर्बादी की वजह सिर्फ एक छोटा सा वायरस है ।जिसने पूरे देश को बर्बाद कर कर रख दिया है। इस बीमारी के कारण है आज पूरा देश घर पर बंद पड़ा हुआ है ।पर जो लोग  बाहर भी काम से जा रहे हैं वह लोग भी डर डर कर अपना काम कर रहे हैं ।
 Ek Nai studies में यह बात सामने आई है कि यह वायरस हवा से  भी फैल रहा है। पर सच्चाई इस बात में कितनी है हममें  से कोई भी नहीं जानता है ।
इसलिए वजह चाहे जो भी हो हम सभी को इस कठिन दौर पर अपना और अपने परिवार का ध्यान रखना है। 
मेरी छोटी सी कविता इसी बीमारी के ऊपर है।


  सिहर सी गई जिंदगी ,
रुक सी गई जिंदगी।
 करोना  के डर से फिर एक बार, 
थम सी गई जिंदगी ।
सोचा था 2021 की नई शुरुआत होगी,
 पर अदृश्य अनजान शत्रु से फिर एक बार हार सी गई जिंदगी। 


बढ़ती  हुई इस महामारी के डर से ,
चार दीवारों के बीच फिर से कैद सी हो गई जिंदगी।


 हे !ईश्वर कैसी अजीब सी स्थिति हो गई, 
होने को विलीन पंचतत्व में ,श्मशान में भी लाइन लग गई ।
 सभी स्कूल हो या कॉलेज या फिर ट्यूशन सेंटर फिर से बंद हो  ,

 पर देश के मेले हो या चुनाव यही नहीं थम रहे। राजनीति के इस खेल में आम इंसान  पीस  रहे ।


 एक छोटे से ना दिखने वाले अदृश्य दुश्मन से, 
देखो  शक्तिशाली देश भी हार गए ।


बैठे बैठे कंप्यूटर के सामने  ,
ऑनलाइन शिक्षा से विद्यार्थियों  भी  थक गए ।


 सिहर सी गई जिंदगी ,
फिर  से रुक सी गई  जिंदगी।
 करोना के डर से,
 फिर से एक बार रुक सी गई है जिंदगी ।


धन्यवाद मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए 

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