नमस्कार स्वागत है आपका फिर से मेरे ब्लॉग में ।
मैं आज आपको लेकर चलूंगी खूबसूरत घाटी हर्षिल की सेर करने।
तो चलिए चलते हैं हर्षिल घाटी की सैर करने।हर्षिल घाटी में आपको चारों तरफ से हरी-भरी वादियां और हिम से ढकी पहाड़ी दिखाई देंगी जो यहाँ की खूबसूरती को और ज्यादा बढ़ा देते हैं।
उत्तराखंड में वैसे तो बहुत सी जगह जो हमारे मन को लुभाती है लेकिन हर्षिल घाटी उनमें से एक घाटी है जो हमारे मन को और ज्यादा आकर्षित करती है।
हर्षिल उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित है जो उत्तरकाशी से 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
जो समुद्र तल से 2620 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हर्षिल घाटी गंगोत्री मार्ग पर पड़ता है ।जहाँ पर भागीरथी नदी अपने शान्त रुप से सभी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है ।
हर्षिल घाटी में चारो तरफ देवदार के पेड़ और सेब के पेड़ों की खूबसूरती यहाँ की खुबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।
यहाँ पर भागीरथी नदी पर लक्ष्मी नारायण जी का खूबसूरत मंदिर भी आपको देखने को मिलेगा ।
जहाँ पर हरि जी की मूर्ति लेटी अवस्था में बेहद खूबसूरत दिखाई देती है।
यहाँ पर कई सारे झरने भी आपको दिखाई देंगे और अलग-अलग रंग के फूलों के बगीचे भी आपको यहाँ पर देखने को मिलेंगे।
यहाँ पर आपको हिंदुओं का पवित्र मंदिर गंगोत्री धाम भी देखने को मिलेगा ।जहाँ आपको पूरे साल श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलेगी।
यहाँ से आपको 30 किलोमीटर दूर गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क भी यहाँ पर देखने को मिलेगा जो लगभग 1, 550 किलोमीटर दूरी पर फैला हुआ है।
यहाँ पर आपको तरह-तरह के पक्षियों दिखाई देंगे ।
बहुत साल पहले यहाँ पर हर्षिल घाटी में राम तेरी गंगा मैली की शूटग भी हुई थी।तभी से इस घाटी की खुबसूरती के बारे में लोगों को पता चला था।
लेकिन हम में से बहुत सारे लोग यह नहीं जानते कि इस घाटी की खोज किसने की ।
इस घाटी को खोजने वाले थे एक अंग्रेज कर्मचारी जिनका नाम फैड्रिक विल्सन थे। जो इंग्लैंड के निवासी थे। उन्हें हर्षिल घाटी का राजा भी कहा जाता है।
उन्हें यह जगह इतनी पसंद आई कि उससे उन्होंने यहाँ पर ही अपना घर बना लिया और पास एक कन्या से ही विवाह भी कर लिया ।
उन्होंने अपनी आमदनी के लिए इग्लेंड से सेब के पेड़ लेकर आए और यहीं पर लगाना शुरू किया।
कुछ समय के बाद यहाँ पर सेब की खेती में बहुत ज्यादा उन्हें सफलता मिली ।
यहाँ पर आपको सेब की खेती चारों तरफ दिखाई देगी।
बात करें अगर हम घूमने लायक जगह होगी तो ट्रेकिंग के लिए हर हर्षिल घाटी से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है।
यहाँ पर नागणी क्यारकोटी ट्रेक है ।यह हर्सिल से शुरू होता है लगभग 8 किलोमीटर लंबा है।
यहाँ पर फूलों की खुबसूरत वादियाँ और खुबसूरत बुग्याल और सातताल देखने में बेहद खूबसूरत दिखाई देते और इसकी खूबसूरती को और ज्यादा बढ़ा देते हैं।
यहाँ पर देवदार और भोजपत्र के पेड़ों को देखकर सभी ट्रेकर्स की सारी थकान दूर हो हो जाती है।
यहाँ पर घूमने के लिए केवल भारत से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से लोग आते हैं ।जिन लोगों को फोटोग्राफी का शौक है तो हर्षिल घाटी उन लोगों के लिए सबसे अच्छी जगह में से एक हो सकती है।
यहाँ पर फैली हरियाली, बर्फ से ढके पहाड़ इस घाटी की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं।
बात करें अगर हम शॉपिंग की तो हर हर्षिल एक छोटा सा पहाड़ी क्षेत्र है तो आपको यहाँ पर बड़े-बड़े शॉपिंग सेंटर तो नहीं मिलेंगे। हां पर यहाँ पर आपको यहाँ के लोगों द्वारा बनाई गई गरम चीजें जैसे स्वेटर,-मफलर, और भी गर्म कपड़े आपको बहुत अलग-अलग तरह के मिल जाएंगे ।
क्योंकि हर्षिल एक पहाड़ी क्षेत्र है तो यहाँ पर गर्म कपड़े हमेशा बाजारों में दिखाई देंगे ।
खाने की सामान कि अगर हम बात करें तो यहाँ पर राजमा,
फलिया और सेब की काफी मांग रहती है। यहाँ से राजमा और सेब विदेशो को निर्यात किया जाता है। तो काफी स्वादिष्ट होने के कारण पूरे देशों में इन चीजों की बहुत ज्यादा मांग रहती है।
Harshal Mein wildlife- प्रकृति ने हर्षिल को बेहद खूबसूरत बनाया है ।यहाँ आकर मनुष्य अपनी सारी थकान और परेशानियों को भूल जाता है।
यहाँ दूर-दूर तक फैले हुए विशाल पर्वत, चारों तरफ फैली हरियाली ,रंग बिरंगे फूल यहाँ की खूबसूरती को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं।
यहाँ चारों ओर खड़े देवदार के बड़े-बड़े पेड़ और ओक के घने जंगल यहाँ की खूबसूरती को और दो गुना कर देती है।
इन जंगलों में कई किस्म की जड़ी बूटियों के अलावा अलावा कई जीव-जंतु भी आप देख सकते हैं।
यहाँ से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी में गंगोत्री नेशनल पार्क वन्यजीव प्रेमियों के भ्रमण करने के लिए बेहद खुबसूरत जगह मानी जाती है ।
जहाँ पर आप विलुप्त हो रहे जानवरों को भी देख सकते हैं ।
पशु प्रेमी और वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह पार्क किसी जन्नत से कम नहीं है। यहाँ पर आपको दुर्लभ किस्म के जीव जंतुओं को को भी देखने का मौका मिलेगा और आप अपने कैमरे में भी उसे कैद कर सकते हैं ।
यहाँ मुख्य रूप से हिमालयन मोनाल, बाग ,तीतर, मस्क बियर और भालू देखने को मिलेंगे और जिनमें से अधिकतर अब लुप्त होने की कगार में है।
हर्षिल में घूमने लायक पर्यटन स्थल वैसे तो बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं वह और जो खुबसूरती में अपना एक छाप छोड़ते हैं।
पर्यटकों के मन को लुभा लेते हैं ।इन जगहों में मुख्य रूप से सात ताल, गंगोत्री धाम, मुखबा गांव ,गगनानी आदि कुछ ऐसे स्थल हैं।
जहाँ पर पर्यटक गर्मी में भ्रमण के दौरान जा सकते हैं। अपने यहां की 7ताल बेहद प्रसिद्ध है ।इसे 7 साल के क्योंकि यह सात जीवों का एक समूह है इस कारण यह सात ताल के नाम से जाना जाता है ।और देश दुनिया के लोग इस ताल को देखने के लिए आते हैं ।यहाँ पहुंचकर पर्यटकों को ऐसा महसूस होता है जैसे वह स्वर्ग में पहुंच गए हो।
जो जगह घूमने लायक है वह इस प्रकार हैं ।
1- सात ताल- हर्षिल में जो घूमने लायक जगह है उनमें मेरी सबसे पसंदीदा जगह है ।
वह जगह है 7 ताल जो हर्सिल से 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह 7 झीलों का एक समूह है। जिस वजह से इसस इसका नाम सातताल रखा गया है ।
इन 7 तालों में राम, सीता ,भरत, लक्ष्मण , सूखा ताल, पन्ना, नल दमयंती और ओक के नाम से जाना जाता है। यहाँ का पानी साफ है ।
यह जगह पर्यटकों को अपनी ओर काफी आकर्षित करता है। आप यहाँ के खूबसूरत मौसम का आनंद ले सकते हैं। यह फोटोग्राफी के नजारो व दुर्लभ प्रकार के पक्षियों को कैमरे में कैद कर कर अपने सारे सपने पूरे कर सकते हैं।
यहाँ पर पर्यटक नौकायान का आनंद भी ले सकते हैं। इस स्थान परएक मंदिर भी स्थित है। जो मां गंगा को समर्पित है। उसकी पूजा सेमवाल पंडित द्वारा की जाती है।
2-गंगनानी- गंगानी भी हर्षिल में प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। जो हर्सिल से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर गर्म पानी का एक कुंड स्थित है ।जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं। और यहाँ से स्नान करने के बाद लोग गंगोत्री मंदिर जाते है। लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ यह कुण्ड ऋषि कुंड के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर महिलाओं व पुरुषों के स्नान हेतु अलग स्थान बने हुए हैं। यहाँ आने वाले स्त्री-पुरुष यहाँ पर स्नान कर सकते हैं ।यहाँ से हिमालय का नजारा भी देखा जा सकता है । जहाँ पर आप शांति और आनंद ले सकते हैं।
3-गंगोत्री धाम- गंगोत्री भी हर्षिल एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक माना जाता है। जो हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है ।जो हर्सिल दिन से 26 किलोमीटर की दूरी पर है।
गंगोत्री धाम हिंदू धर्म के 4 तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है
यहाँ आकर ही लोगों की चार धाम की यात्रा पूरी मानी जाती है। गंगोत्री धाम मां गंगा को समर्पित है और यहाँ पर मां गंगा का एक विशाल मंदिर भी बना हुआ है। जो लोगों की श्रद्धा से जुड़ा हुआ है और बेहद खूबसूरत दिखाई देता है ।
गंगोत्री धाम समुद्र तल से 3750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यहाँ पर मई और अक्टूबर में कपाट खुलने से लोगों की बहुत भीड़ जमा रहती है।
इस मंदिर को अक्षय तृतीया के दिन खोला जाता है और दिवाली के दिन बंद कर दिया जाता है क्योंकि यहाँ पर बर्फबारी होती है ।क्योंकि यहाँ पर श्रद्धालुओं का आना मुश्किल हो जाता है ।
यह मंदिर विशाल ग्लेशियर ,पर्वतों से घिरा हुआ बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। जहाँ गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित है ।
जो भारत चीन की सीमा तक फैला हुआ है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं शादी के दौरान अमर सिंह थापा द्वारा कराया गया था और बाद में इसकी मरम्मत जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया था।
4-मुखबा गाँव - मुखबा गांव हर्षिल से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।हिमालय की गोद में बसा हुआ यह गाँव खूबसूरती से भरा हुआ है।
जहाँ से हम प्रकृति का नजारा बहुत पास से देख सकते हैं। यह गांव मां गंगा का घर माना जाता है। जहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा करने के लिए आते हैं। ठंड के मौसम में यहां पर बर्फबारी दौरान जब गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की मूर्ति को पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ मुखबा गांव में ही लेकर आते हैं।
मुखबा गांव को मुखवास गांव के नाम से भी जाना जाता है। ऊंचाई पर होने के कारण यहां पर भी बहुत अधिक पर ठंड होती है ।जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं ।यहाँ सालभर ठंड पड़ती है जिस कारण यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपने गर्म कपड़े लाने की सलाह दी जाती है ।
5-धराली गाँव- थराली हर्षिल के प्रमुख पर्यटक स्थल में से एक माना जाता है। जो हर्षिल से 3 किलोमीटर की दूरी पर है। जो छोटा और बेहद खूबसूरत गांव है। यह गांव गंगा नदी के तट पर स्थित है । यहाँ से हिमालय की चोटियां बेहद करीब से देखी जा सकती है। धराली में सेब राजमा और लाल सेम के खेत दिखाई देती है । जो खाने में बहुत ही स्वादिष्ट और इसकी इसकी मांग भारत और बहार देशों में भी की जाती है
6- वन्य जीव का आनंद गंगोत्री नेशनल पार्क
नेशनल पार्क -यह पार्क हर्षिल से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए घूमने के लिए बहुत ही खूबसूरत जगह है।जहाँ आप लुप्त हो रहे पशु पक्षियों और जानवरों को देख सकते हैं।यह लगभग 1533 स्क्वैर वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जहाँ आप लगभग 15 प्रकार से भी अधिक जानवर लगभग डेढ़ सौ किस्म के पक्षी यहाँ पर आप देख सकते हैं । पशु प्रेमी वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह पार्क जन्नत से कम नहीं है। वन्य जीव प्रेमी यहां दुर्लभ किस्म की जीव जंतुओं को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं और अपने सपने को साकार कर सकते हैं ।इसमें मुख्य रूप से हिमालयन मोनल, बाग, तीतर, मस्त डिअर बर्फ में में पाए जाने वाले चिते भी आपको यहाँ दिखाई देंगे ।जो दिखने में बेहद खूबसूरत पर लुप्त होने के कगार में है। यहाँ पर आकर आप इन सभी जीव-जंतुओं को अपनी आंखों से देख सकते हैं और उस का आनंद ले सकते हैं।
हर्षिल में खाने के प्रमुख व्यंजन-
कहीं भी आज हम घूमने जाते हैं तो वहां के खाने के बारे में बात ना करें तो हमारा सफर अधूरा माना जाएगा ।वैसे तो हंर्षिल यात्रा के दौरान पर्यटक वहाँ के लोग लोकल खाना ही ज्यादा पसंद करते हैं ।जहाँ मिलेने वाले आलू के गुटके, भांग की चटनी, झिंगोरा की खीर ,रायता, मडवे की रोटी ,सरसों का साग, कापा और यहाँ की प्रसिद्ध मिठाई आती है ।पर्यटक द्वारा ज्यादा पसंद की जाती है क्योंकि यह सारी चीजें हर्सिल की प्रसिद्ध चीजें हैं।
लेकिन उसके साथ ही आपको अलग-अलग तरह रेस्तराँ भी दिखाई देंगे जहाँ पर आप अपने मनपसंद का खाना भी खा सकते है।
रुकने की जगह हर्षिल यात्रा के दौरान -
हर्षिल में कई प्रकार के होटल , लांज एवं कॉटेज आपको मिलेंगे ।जहाँ पर हर्षिल भ्रमण के दौरान आप लोग अपना समय बिता सकते हैं। यह होटल आपको हर किस्म की सुविधा प्रदान करते हैं ।इन होटल में रहकर आप अपने घर में रहने जैसा अनुभव करेंगे। यह होटल्स आपको फ्री वाईफई ,लॉन्ड्री ,पार्किंग और कैब की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
हर्षिल का मौसम-
बात करें अगर हर्षिल का मौसम की तो हर्षिल का मौसम गर्मी में बहुत ही सुहावना होता है। यह भी कह सकते हैं कि हर्षिल में घूमने के लिए गर्मियों का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस दौरान यहाँ ज्यादा गर्मी नहीं होती जिस कारण यहाँ का मौसम बहुत खुशनुमा रहता है। यहाँ चारों ओर हरियाली छाई रहती। हर्षिल में गर्मियों की शुरुआत मार्च के अंत से हो जाती है
। जो जून के मिड तक रहती है ।इस दौरान यहाँ अधिकतम तापमान 15 डिग्री तक बना रहता है। व न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक रहता है। इस महीने में ही पर्यटकों की भीड़ यहाँ पर आपको मिलेंगी क्योंकि ना ज्यादा गर्मी होती है ना ज्यादा ठंड होती है ।पर रात के समय मौसम काफी ठंडा हो जाता है इसलिए जब भी आप लोग हर्सिल से जाएं तो गर्म कपड़े रखना ना भूलें क्योंकि रात को तापमान बहुत ज्यादा नीचे चला जाता है जिससे ठंड का अनुभव होता है ।
हर्षिल में सर्दियों का मौसम-
बात करें अगर हम सर्दियों के मौसम की तो सर्दियों के मौसम के शुरुवात अक्टूबर से हो जाती है ।जो मार्च के अन्त तक रहती है।
इस दौरान हर्षिल का तापमान 0 डिग्री से भी नीचे चला जाता है ।अधिकतम तापमान 10 डिग्री रहता है। इस दौरान यहाँ पर आपको इतनी ज्यादा ठंड मिलेगी कि यहाँ पानी भी जम जाता है । दिसंबर व जनवरी यहाँ का सबसे ठंडा महीना होता है ।इन महीनों के दौरान यहां पर बर्फ बारी काफी होती है। जिस कारण बर्फ देखने के लिए काफी संख्या में लोग यहाँ आते हैं। इन महीनों के के दौरान पर्यटकों को साथ में गर्मी कपड़े लाने की सलाह दी जाती है ताकि पर्यटकों को ठंड का अनुभव ना हो।
हर्षिल में मानसून का तापमान-
हर्षिल में मानसून की शुरुआत मुख्य रूप से जून के अंत से हो जाती है। जो सितंबर तक चलता है। इस दौरान हर्षिल का तापमान बारिश के कारण काफी नीचे चला जाता है और अधिकतम तापमान 10 डिग्री तक रहता है। इस दौरान यहाँ पर भी काफी ठंड रहती है। प्रकृति प्रेमियों वह फोटोग्राफरों के लिए यह समय सबसे अच्छा माना जाता है। प्रकृति प्रेमी यहाँ प्रकृति और प्रकृति का आनंद ले सकते ।यहाँ पर मानसून में चारों तरफ हरियाली दिखाई देती है ।
मानसून मे भारी बारिश से लैंडस्लाइडिंग व सड़कों के बंद होने की काफी समस्या रहती है ।इस वजह से पर्यटकों को मानसून के समय में हर्षिल में ना आने की सलाह दी जाती है।
हर्षिल कैसे पहुंचेंगे आप-
हर्षिल पहुंचने के लिए कोई भी मार्ग से अगर आप जाएंगे तो बहुत ही आसानी से हर्सिल पहुंच सकते हैं।
बात करें अगर हम सड़क मार्ग के तो हर्षिल सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। पहुँचने लिए आपको किसी भी बड़े शहर से बस सेवा आसानी से मिल जाएगी। आप चाहे तो अपने वाहन से भी हर्षिल तक पहुंच सकते हैं।
हर्षिल नेशनल हाईवे 108 मीटर पर स्थित है जो गंगोत्री मार्ग पर ही बना हुआ है। देहरादून और ऋषिकेश से हर्षिल के लिए निरंतर रूप से बसों का संचालन होता रहता है ।देहरादून से हर्षिल की दूरी 220 किलोमीटर है तथा हरिद्वार से हमें हर्सिल की दूरी 238 किलोमीटर है।
वायु मार्ग द्वारा-
हर्षिल से पहुंचने का रास्ता वायु मार्ग का सबसे नजदीकी मार्ग देहरादून स्थित जौलीग्रांट है। जो हर्षिल से 232 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जौलीग्रांट हवाई अड्डे के बाहर से आपको कई टैक्सी खड़ी मिल जाएगी ।जिनके द्वारा आप हर्षिल पहुंच सकते हैं। आप चाहे तो उत्तराखंड रोडवेज की बस द्वारा भी हर्सिल तक पहुंच सकते हैं। जिस का संचालन ऋषिकेश व देहरादून में सुचारू रूप से किया जाता है और आपको यहाँ पर पहुंचने के लिए किसी प्रकार की परेशानी का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
बात करें अगर हम ट्रेन मार्ग -
हर्षिल पहुंचने के लिए ट्रेन द्वारा भी आप आसानी से हर्षिल पहुंच सकते हैं। हर्षिल का अपना कोई रेलवे स्टेशन नहीं है लेकिन यहाँ का सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है। जो हर्सिल से लगभग 215 किलोमीटर की दूरी पर है ।
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख नगरों से आपस में जुड़ा हुआ है ।वहीं स्टेशन के बाहर ही आपको प्राइवेट टैक्सी भी खड़ी मिलेंगी जो आपको हर्सिल तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।
धन्यवाद मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए
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