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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में ।


मैं आज लेकर आई हूं पश्चिमी बंगाल का मशहूर हिल स्टेशन दार्जिलिंग जिसे कहा जाता है पहाड़ों की रानी उस पर मेरी महत्वपूर्ण जानकारी और दिलचस्प बातें। तो चलिए चलते हैं जानने के लिए ।



पश्चिमी बंगाल का मशहूर हिल स्टेशन दार्जिलिंग है ।जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। इस जगह की खूबसूरती देखने के लिए हजारों सैलानी पूरे भारतवर्ष से यहां पर आते हैं ।यह जगह हनीमून के लिए सबसे अच्छी जगह में से एक मानी जाती है ।
कोलकाता से लगभग 700 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह हिल स्टेशन  आपको अपनी खूबसूरती से दीवाना बना देगा।

 चलिए जानते हैं यहां कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है। 

1-कुर्सोग-यह जगह दार्जिलिंग से केवल 47 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद  एक हिल स्टेशन है ।जो बेहद खूबसूरत जगहों में से एक मानी जाती है ।खूबसूरत पहाड़ और  नीला आसमा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यह जगह इतनी खूबसूरत है कि बच्चों को भी पसंद आती है ।मन को शांति देना चाहते हैं तो इस जगह पर आप लोग जाकर अपने मन को शांत कर सकते हैं।


2-जोर पोखरी- जोर पोखरी हरी-भरी वादियों, ठंडे फिजाओं में बसा यह कस्बा दार्जिलिंग से लगभग 19 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। यहां जाने के लिए वैसे तो अक्टूबर से मार्च का महीना सबसे अच्छा माना जाता है ।  नीलेपानी की झीले देखकर सभी लोग मंत्रमुग्ध हो जाते है ।जोर पोखरी अपनी खूबसूरती के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

3-चटकपुर-उत्तर के कंचनजंगा पर्वत से घिरा यह छोटा सा गांव है। जो अपने खूबसूरती के लिए जाना जाता है ।इस गांव के पास से नदी की धारा बहती है जो इस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देते हैं ।यहां जाने के लिए आप टैक्सी का सहारा भी ले सकते हैं और आपको यहां पहुंचने के लिए किसी भी तरह की परेशानी भी नहीं होगी।

3-लाल कोठी-लाल कोठी दार्जिलिंग की सबसे खूबसूरत जगह मानी जाती है ।यह जगह एक समय में ब्रिटिश के रहने की जगह थी जो कि अब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के जंगलों में बदल गई है। एडवेंचर के लिए लाल कोठी  बहुत खूबसूरत जगह मानी जाती है। एडवेंचर प्रेमियों के  लिए यह जगह संपूर्ण जगह मानी जाती हैं।


4-घूमरॉक -यह जगह दार्जिलिंग की बेहद खूबसूरत जगह है। यहां से खूबसूरत घाटी का मनोरम दृश्य सैलानियों का मन मोह लेता है। अगर आप दार्जिलिंग के दृश्यों का दिलकश नजारा करना चाहते हैं तो घूम रॉक एक ऐसी जगह जहां पर से हमें पूरे दार्जिलिंग  दिखाई देती है। जहां  लोग घूमने के लिए पूरी दुनिया से आते हैं।
5-बतासिया लूप -इसका निर्माण आजादी से पहले स्वतंत्रता संग्राम और विभिन्न लड़ाई में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए   किया गया है ।इसके अलावा यहां पर लोक प्राकृतिक दृश्यों का मजा भी ले सकते हैं।यहां से कंचनजंगा पर्वत श्रृंखला का बहुत खूबसूरत नजारा भी हमें देखने को मिलता है ।साथ ही यहां पर एक छोटा सा बाजार है जहां से आप चाहे तो कुछ भी उत्कृष्ट स्थानीय उत्पादन का सामान ले सकते हैं। जो बेहद खूबसूरत और अमूल्य चीजें होती हैं।
5-विक्टोरिया जलप्रपात-दार्जिलिंग के बेहद आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक विक्टोरिया झरना है ।जो अपने दिलकश नज़ारों से पर्यटकों को यहां पर आने के लिए मजबूर कर देती है ।यह यह जगह इतनी सुंदर है कि पर्यटक इसका सुंदरता का बखान करते   नहीं  थकते हैं। विक्टोरिया जलप्रपात एक ऐसा जलप्रपात है जो काफी ऊंचाई से गिरता है जिसे देखने में हम अपने सारे मानसिक तनाव को भूल जाते हैं विक्टोरिया जलप्रपात देखकर बच्चे बेहद खुश हो जाते हैं।

6-रॉक गार्डन  -रॉक गार्डन की खासियत यह है कि इसे पहाड़ों और चट्टानों को काटकर बनाया गया है इस वजह से यह रॉक गार्डन कहा जाता है  । Paryatak  इस गार्डन की खूबसूरत देख दांतो तले उंगलियां दबा देते हैं। पहाड़ों पर चट्टानों को काटकर बनाया गया।
 यह गार्डन अपने आप में खूबसूरती की मिसाल है और पूरे भारतवर्ष से यहां पर लोग घूमने के लिए आते हैं।

7-सेनथल झील-सेनथल झील  दार्जिलिंग के आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है ।यहां आकर आप इस झील की मनमोहक दृश्य को देखकर सब कुछ भूल जाएंगे। यहां पिकनिक मनाने का मजा ही कुछ और है ।ज्यादातर लोग सेनथल झील  में पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। बच्चों को यह जगह  बेहद पसंद आती है। हम कह सकते हैं कि केवल भारत से नहीं बल्कि पूरे विश्व से लोग यहां घूमने के लिए आते हैं।

8-टाइगर हिल-टाइगर हिल दार्जिलिंग के दर्शनीय स्थलों में से एक है ।टाइगर हिल जो बेहद आकर्षक  रमणीक स्थल माना जाता है 
।इस हिल स्टेशन से आप पूरे दार्जिलिंग का खूबसूरत नजारा भी देख सकते हैं ।यहां से सूर्योदय का दिलकश नजारा बेहद आकर्षक लगता है। लोग यहां पर सूर्योदय देखने के लिए ही आते हैं। आसपास पहाड़ों की खूबसूरती  इस स्थान की सुंदरता को और ज्यादा बढ़ा देता है ।घूमने के लिए  यह जगह बेहद  खूबसूरत   मानी जाती है।
9- Darjeeling हिमालयन रेलवे   अपने सैलानियों को एक मजेदार सफर कराती है ।इस ट्रेन को प्यार से लोग का toy train  कहते हैं क्योंकि काफी छोटी  ट्रेन होती है। यह   नैरोगेज ट्रेन है जो भारत के पश्चिमी बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग  के बीच चलती है ।लगभग 88 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर सवारी करना कभी भी ना भूलने वाला अनुभव होता है। 
पहाड़ियों और जंगलों के मनोरम दृश्य को देखते हुए जब ट्रेन   बीच से गुजरती है तो मन को बेहद शांत कर देती है। बच्चों को यह ट्रेन काफी पसंद आती है और बड़ों को भी।


10- कोकीला पार्क-दार्जिलिंग के मंत्रमुग्ध  करने वाले वैसे तो बहुत सारे नजारे हैं ।बात करें अगर हमको कोकीला पार्क की तो चहल कदमी और आउटडोर गेम्स का अगर आपको मजा लेना है तो कोकिला पार्क  से कोई भी जगह अच्छी नहीं हो सकती है। यहां से कंचनजंगा पर्वत माला के भव्य दृश्य को भी हम देख सकते हैं ।पीकनिक बनाने वाली जगह में से एक जगह मानी जाती हैं ।  इस पार्क का आर्किटेक्चर और बनावट बेहद शानदार है और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है ।कोकिला पार्क  थोड़ी ऊंचाई वाले इलाकों में है इसलिए आपको इस हरे-भरे मैदान में प्रवेश करने के लिए थोड़ी सीढ़ी चढ़नी होगी। इस पार्क में शिव की  विशाल प्रतिमा और म्यूजिकल फाउंटेन की सुंदरता यहां की  खुबसूरती और बढ़ाते हैं ।   जो बच्चों को बेहद पसंद आता है।

11_  सैडकफू  ट्रैक_  सैडकफू ट्रैक पश्चिमी बंगाल की सबसे ऊंची चोटी है। यह  दार्जिलिंग में सिंगला   रेंज में स्थित है. यहां पास  में  सिंगला नेशनल पार्क भी स्थित है। जहां लोग   जंगल सफारी का मजा  लेते हैं ।यहां ट्रैकिंग का मजा भी लोग लेने के लिए आते हैं। लेकिन इस पर निकलने से पहले अपनी स्वास्थ्य   का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। क्योंकि कठिनतम ट्रैक में से यह एक ट्रैक माना जाता है। यहां आपको अकेले ही आर्केड की  ही लगभग 600 प्रजातियां देखने को मिलेंगे जो विश्व प्रसिद्ध है।

अगर आप अकेले हो या परिवार के साथ कहीं घूमने का कार्यक्रम बना रहे हैं तो दार्जिलिंग एक बेहतर जगह हो सकती है ।दार्जिलिंग के लोग शहर को और ज्यादा घूमने के लायक बना देते हैं। वे काफी जीवनतं  होते हैं और कई तरह के वाद्य यंत्र बजाने में भी माहिर होते हैं ।संगीत प्रेमी अक्सर यहां के विभिन्न छोटे-छोटे क्लबों के बारे में लिखते रहते हैं ।देखा जाए तो यहां की संस्कृति में संगीत घुल सा गया है।
 यहां कब्रिस्तान ,पुराने स्कूल ,भवन और अन्य जगह भी आप  देख सकते हैं ।पुराने समय की इमारतों के साथ-साथ आपको यहां वर्तमान काल में कंक्रीट से बने भवन भी दिखाई देंगे। इसलिए अगर आप घूमने का   प्रोग्राम बना रहे हैं तो दार्जिलिंग घूमने के लिए बेहद खूबसूरत जगह में से एक मानी जाती है। सफेद परत से ढकी   पहाड़ियां ऐसी दिखती है मानो  की चांदी की चादर ओढ़े हुए हो ।सच में  यह खूबसूरत नजारा आंखें बिल्कुल शांत कर देती है।
 इसी की चमकदार काया पर्यटकों को यहां पर आने के लिए मजबूर कर देती है ।कुदरत के करिश्मे में दार्जिलिंग भी आता है जहां पहुंचकर एक के एक बार कुदरत की कला को दिल से देखने और उसकी प्रशंसा करने से मन नहीं रुक पाता है दार्जिलिंग मेरी सबसे पसंदीदा जगह में से एक जगह है।


रहने की अगर हम बात करें तो darjling एक बेहद प्रसिद्ध हिल स्टेशन है तो यहां पर आप को रहने के लिए किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। धर्मशाला की बात करें या होटल की तो हर प्रकार से आपको वाजिद मूल्य  में रहने के लिए जगह मिल जाएगी और आपको किसी तरह की परेशानी भी नहीं होगी।

बात अगर हम कहें कि दार्जिलिंग कैसे जाया जा सकता है तो यहाँ पहुँचने के लिए आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग हो या हवाई मार्ग तीनों साधनों से बड़े आसानी से दार्जिलिंग पहुंच सकते हैं ।

नेशनल हाईवे 31 और नेशनल हाईवे 55 के जरिए दार्जिलिंग आसानी से पहुंचा जा सकता है ।यह सिलीगुड़ी और कलिंगपोंग से काफी नजदीक है।


घूमने के सही मौसम कि अगर हम बात करेंगे तो दार्जिलिंग हिल स्टेशन है तो यहां पर ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती है ।यहां गर्मी भी लुभाने वाली   ही पड़ती है और लगभग तापमान 20 डिग्री से ऊपर नहीं जाता।

 गर्मी के समय में आप इस जगह को अच्छी तरह से घूम सकते हैं ।

दार्जिलिंग में साल के 126 दिन बरसात होती है ।बरसात के समय दार्जिलिंग के और उसके आसपास के क्षेत्र में काफी भूस्खलन होता है। तो बरसात के समय में दार्जिलिंग नहीं जाना ही ज्यादा अच्छा रहता है ।वैसे तो दार्जिलिंग में ठंड का मौसम खुशनुमा होता है पर कई बार यहां  पारा  बहुत नीनीचे तक पहुंच चला जाता है तो काफी ठंडा हो जाता है जिससे घूमने  मे बाधा आ सकती है।
तो दार्जिलिंग में गर्मियों में जाना ही ज्यादा अच्छा रहता है ना ज्यादा ठंड होती है ना ज्यादा गर्मी पड़ती है दार्जिलिंग में।

धन्यवाद मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए 

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