नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में ।
मैं आज लेकर आई हूं उत्तराखंड के 21 वें स्थापना दिवस पर छोटा सा लेख और उस पर मेरी कविता।
आज सभी उत्तराखंड वासियों के लिए बहुत ही खास दिन है क्योंकि आज के दिन यानी 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड की स्थापना हुई थी। जो यूपी से अलग होकर एक अलग और स्वतंत्र राज्य बना था । उत्तराखंड के दो भाग बने कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र।
उत्तराखंड देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक माना जाता है क्योंकि यह एक पर्यटन क्षेत्र है और देश की धड़कन के नाम से भी जाना जाता है ।जिसे पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। उत्तराखंड को देवताओं की भूमि यानी देव भूमि के नाम से पुकारा जाता है । क्योंकिहिंदुओं के कई प्रमुख धार्मिक स्थल यहां पर स्थित है।
यह पहला ऐसा राज्य है जहां पर हिंदी के बाद संस्कृत भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया था ।
उत्तराखंड वादियों और नदियों के बीच बसा हुआ है ।पर्यटन स्थल होने के कारण सभी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। न केवल भारत से बल्कि पूरे देश से यहां पर लोग घूमने के लिए आते हैं।
इतना ही नहीं कई लोग यहां पर बसने भी लगे हैं। यहां की शुद्ध हवा और खूबसूरत वादियों से आकर्षित होकर लोग यहां पर आकर बस रहे हैं ।
उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर सालों साल आंदोलन जारी रहा।
पर अंत में 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अस्तित्व में आया। उसके बाद यह देश का २७वा राज्य बना ।
उत्तराखंड राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। उत्तराखंड की सीमाएं उत्तर और पूर्व में नेपाल की सीमा से लगी हैं ।
वहीं पश्चिमी में हिमालय और दक्षिण में उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है।
उत्तराखंड को देवताओं की भूमि कहा जाता है यह गलत नहीं है क्योंकि हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थल और अनेक प्रसिद्ध मंदिर उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र में है।
यह भगवान और प्रकृति दोनों की के बीच बसा हुआ बेहद खूबसूरत राज्य माना जाता है।
सबसे बड़ी नदी गंगा और यमुना का जन्म उत्तराखंड में ही हुआ है।
उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थल केदारनाथ, ऋषिकेश, बदरीनाथ ,गंगोत्री, यमुनोत्री ,उत्तरकाशी ,देवप्रयाग ,पंच प्रयाग आदि प्रमुख धार्मिक स्थल उत्तराखंड में ही है ।केदारनाथ चार धाम की यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है ।अप्रैल से नवंबर महीने के बीच यहां के कपाट खुलते हैं ।पिछले कुछ सालों में युवाओं में केदारनाथ जाने का उत्साह ज्यादा ही देखने को मिला है।
बात अगर हम करें हर की पौड़ी की तो हरिद्वार में गंगा घाट पर तो यह सबसे पवित्र जगह मानी जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार यहां पर सूर्यास्त के बाद गंगा आरती होती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाट पर खड़े होते हैं इस आरती को देखने के लिए पूरे देश से यहां पर आते हैं।
बात अगर हम करें उत्तराखंड के राज्य का राज्य फूल तो वह सफेद कमल है ।यानी ब्रह्मा कमल ।
यह सुंदर कमल फूल है ।जो ब्रह्मा जी के हाथों में विराजमान रहता है । साथ ही बता दे कि ब्रह्म कमल का इस्तेमाल आईटीएलएस प्रोजेक्टस के लिए भी प्रमुख है।
बात करें अगर हम नैनीताल में मौजूद जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान जो भारत का पहला कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान है यह 4००० साल पुराना है ।जिसका नाम जिम कॉर्बेट जो एक अंग्रेज शिकारी उनके नाम पर पड़ा है।
बात करें अगर हम 1970 में हुए चिपको आंदोलन जो बहुत अधिक चर्चा में रहा जो पेड़ों को बचाने के लिए शुरू किया गया था ।उसकी शुरुआत भी उत्तराखंड से हुई थी।
बात करे अगर हम गंगा नदी की उत्तराखंड के हरिद्वार से जो बहती है उत्तराखंड के गौरव का प्रतीक मानी जाती है।
वहीं राज्य का प्रमुख राज्य पक्षी हिमालयन मोनाल हैं ।
उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी हिरन है जो देखने में बेहद खूबसूरत माना जाता है।
बात करें अगर हम उत्तराखंड के राज्य पेड़ की तो वह बुरास का फूल है ।जो देखने में बेहद खूबसूरत लगता है । वही राज्य फूल ब्रह्मकमल है।
उत्तराखंड राज्य का सबसे प्रमुख त्यौहार कुंभ मेला जो हर 12 साल बाद लगता है वह भी हरिद्वार में लगता है। साथ ही चमोली का गोचर मेला, बागेश्वर का उतरैणी मेला ,पूर्णागिरि का मेला, नंदा देवी का मेला ,प्रमुख मेले हैं ।जो उत्तराखंड की शान माने जाते हैं और पूरे देश में प्रसिद्ध है।
बात करें अगर हम उत्तराखंड के प्रसिद्ध व्यक्तित्व की जिन्होंने पूरे भारत देश में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। तो उनमें सबसे पहले बछेंद्री पाल जो उत्तरकाशी जिले की है ।माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाली पहली भारतीय महिला है।
प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत जी जो उत्तराखंड राज्य से ही संबंध रखते हैं।
बात करें अगर हम सुमित्रानंदन पंत जो एक प्रसिद्ध लेखक और कवि थे वह भी अल्मोड़ा के कौशानी जिले से संबंध रखते हैं।
बात करें अगर हम टिहरी बांध की जो भागीरथी नदी पर बना है । जो भारत का सबसे ऊंचा बांध है ।यहां से पैदा की जाने वाली बिजली पंजाब ,हरियाणा ,जम्मू कश्मीर, हरियाणा ,दिल्ली तक प्रयोग की जाती है।
आज 9 नवंबर 2021 को उत्तराखंड की स्थापना दिवस का का 21वी सालगिरह मनाई जा रही है। इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार प्रतिष्ठित लोगों को गौरव पुरस्कार से सम्मानित करेंगी।
उत्तराखंड की खूबसूरती पर मेरी छोटी कविता
मेरे उत्तराखंड की बात निराली है ,
आसमां को छूते हुए उन पहाड़ों की बात प्यारी है।
तरोताजा जो कर दे तन मन को ,
बहती हुई उस स्वच्छ हवा की बात निराली है।
मन को लुभाए जिसकी प्राकृतिक सुंदरता,
मेरे उत्तराखंड की बात निराली है।
झर-झर बहते पहाड़ों से झरने की बात प्यारी है,
श्रोतो से बहते हुए उस ठंडे पानी की बात निराली है।
दूर-दूर तक फैले उन खेतों की हरियाली प्यारी है,
हर सड़कों पर बने वह पत्थर के मंदिर की छवि निराली है।
दिल को छू ले जहां की संस्कृति ,
उस संस्कृति की बात प्यारी है
हीरे की तरह चमके जहां झीलों का पानी,
उस उत्तराखंड की बात निराली है
मन को कर दे जो पवित्र ,
मेरे देव भूमि उत्तराखंड की बात प्यारी है।
धन्यवाद मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए
उत्तराखंड दिवस पर सभी उत्तराखंड वासियों को उत्तराखंड दिवस की बहुत-बहुत बधाई हो।
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