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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

संविधान दिवस

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में।


 मैं आज लेकर आई हूं बहुत ही खास विषय संविधान दिवस के बारे में  तो चलते हैं जानने के  लिए क्यों है आज बहुत खास दिन सभी भारतीयों के लिए।


आज का दिन यानी 26 नवंबर पूरे भारतवर्ष में बहुत खास दिन है क्योंकि भारत गणराज्य का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर के 125 वीं जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर 2015 को पहली बार  सरकार द्वारा संविधान दिवस संपूर्ण भारत में मनाया गया तथा 26 नवंबर 2015 से प्रत्येक वर्ष संपूर्ण भारत में संविधान दिवस के रुप में मनाया जा रहा है।


इससे पहले इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रुप में मनाया जाता था। संविधान सभा ने भारतीय संविधान को 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में 26 नवंबर 1950 को पूर्ण कर  राष्ट्र को समर्पित किया ।
गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 में संविधान अमल में लाया गया।
भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर को 1947 में संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और उन्हें देश का नया संविधान लिखने की जिम्मेदारी दी गई।
 अमेरिकी इतिहासकार ग्रान विले सिवार्ड  ऑस्टिन ने अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान को सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण एक सामाजिक दस्तावेज कहा था।

अंबेडकरवादी और बौद्ध लोगों द्वारा कई दशकों पूर्व से संविधान दिवस मनाया जाता है।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के इस महान योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा 26 नवंबर2015 को संविधान दिवस के रुप में मनाया गया तथा 26 नवंबर 2015 से संविधान दिवस मनाया जा रहा है।
26 नवंबर का दिन है संविधान के महत्व का प्रसार करने और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं का प्रसार करने के लिए चुना गया था इस दिन संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ हरिसिंह गौर का जन्म दिवस भी होता है।
साथ में संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए पूरे भारतवर्ष में संविधान दिवस मनाया जाता है।

इसी वजह से संविधान दिवस पूरे भारतवर्ष में  मनाया  जाता है


 संविधान सभा के सभी भारतीयों को बहुत बहुत बधाई हो

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