Skip to main content

Featured post

जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

पुष्प की कामना

नमस्कार स्वागत है आपका एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में। 



मैं लेकर आई हूं छोटा सा लेख मेरी छोटी सी कविता देश के सच्चे हीरो यानी हमारे देश के वीर सैनिकोंके ऊपर ।

हर देश के सैनिक उस देश की आन बान और शान होते हैं।ये देश के रक्षक होते हैं। जो सरहद पर रहकर देश की रक्षा करते हैं।
 जिनमें देशभक्ति की भावना इस कदर कूट-कूट कर भरी होती है कि दुश्मनों के सामने गोली खाने से भी नहीं कतराते हैं। यह वही देश के सच्चे सपूत होते हैं जो अपने परिवार को छोड़कर सरहद पर हमारे लिए 24 घंटे तैनात रहते हैं। जी हां वह सैनिक जो हमारे लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते हैं और देश के लिए अपने प्राण निछावर कर देते हैं ।
चाहे रेगिस्तान की तपती गर्मी हो या सियाचिन की ठंडी पहाड़ियां हमेशा बॉर्डर में तैनात होकर हमारे लिए खड़े रहते हैं ।


ताकि हम सभी आराम से अपने परिवार के साथ अपने घर पर रहे। वीर  सैनिक ऐसे व्यक्ति होते हैं जो त्योहारों पर भी अपने घर नहीं जा पाते हैं ।उनके लिए सभी देशवासी उनका परिवार है।
 हम सभी लोग बिना किसी चिंता के खुशहाली से अपना जीवन सिर्फ उन सैनिकों की वजह से ही जी पाते हैंजो देश के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को निछावर है करते हैं।
 आज उन्हीं सभी सैनिकों के ऊपर भी छोटी सी कविता है। जिसमें पुष्प की कामना को मैंने अपनी कविता के जरिए आप सभी के सामने रखने का प्रयत्न किया है।


चाह नहीं मेरी गुथकर माला में,
 गले की ईश्वर की शोभा बढ़ाऊ।
चाह नहीं मेरी बनकर गहना,
 किसी स्त्री का गहना बन जाऊं।

चाह नहीं मेरी नेता या अभिनेता के ,
गले की माला बनकर सम्मान उनका बढ़ाऊ।

चाह नहीं मेरी महल में लगकर,
  सजाकर महल की   शोभा बढ़ाऊ।

चाह नहीं मेरी बनकर  गजरा,
 किसी के बालों में सज जाऊं।


मैं पुष्प हूं छोटी सी चाह है मेरी,
 बनकर माला देश पर शहीद हुए ,
जवानों पर चढ़कर शोभा अपनी बढ़ाऊ


CDS प्रमुख विपिन रावत और सभी वीर सैनिकों को भावभीनी   श्रद्धांजलि सभी सैनिकों के घरवालों को यह दुख सहन करने की ईश्वर शक्ति प्रदान करे
😢😢

धन्यवाद आप सभी का मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए ।

Comments