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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

Farmer's Day

नमस्कार स्वागत है आपका एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में।

मैं आज लेकर आए बहुत खास जानकारी किसान दिवस क्यों मनाया जाता है। तो चलिए चलते हैं जानने के लिए।

हर साल 23 दिसंबर को पूरे भारत देश में किसान दिवस मनाया जाता है।किसान दिवस मनाने के पीछे प्रमुख कारण है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म आज के दिन जन्म हुआ था। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 में हुआ था। उनके निधन की काफी दिनों के बाद 2001 में सरकार ने इस पवित्र दिन को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
 किसान दिवस या राष्ट्रीय किसान दिवस 23 दिसंबर को भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष में मनाते हैं ।

चौधरी चरण सिंह 1979 से  1980 के बीच भारत के 5वें प्रधानमंत्री रहे ।किसानों के सम्मान में और देश में उनके महत्व को गौरवान्वित करने के लिए 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है।  

2001 में सरकार द्वारा निर्णय चौधरी चरण सिंह के किसानों के उत्थान और कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान को मान्यता देने के लिए लिया गया था और उन्हें कृषि के क्षेत्र कुछ सबसे उल्लेखनीय सुधार लाएं और  इतिहासकारों ने उन्हें भारत के किसानों का चैंपियन भी कहा ।
चौधरी चरण सिंह का जन्म एक मध्य वर्गीय किसान परिवार में हुआ था ।उन्होंने 1930 में विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की ।इसके बाद 1923 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
 वह कानून की प्रैक्टिशनर भी थे। चौधरी चरण सिंह देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी  सक्रिय भागीदार रहे  थे।

 एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्मे चौधरी चरण सिंह देश के किसानों से ऐसे जुड़े हुए थे। उस समय भारत के लिए काम करना चाहते थे।
 चौधरी चरण सिंह की भूमि सुधारों के पीछे दिमाग था कि  जिन्होंने देश में सबसे कृषि राज्य उत्तर प्रदेश में कृषि का चेहरा अच्छे से   बदल दिया।

 कृषि क्षेत्र के लिए उनके कार्यों मेंऋण मोचन विधेयक 1939 आया था।
 जिसने उन किसानों के लिए राहत की बौछार की। जो साहूकारों के कर्जदार थे। इसने किसानों द्वारा की गई हर साल होने वाली  आत्मा हत्याओं से इस विधेयक में किसानों के जीवन में काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा था।
चौधरी चरण सिंह एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार के थे जिन्होंने कृषि मंत्री  होते हुए भी 1950 के जमींदार उन्मूलन अधिनियम के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इतने महान कार्य करने वाले चौधरी चरण सिंह जी ने 14 जनवरी सन 1980 को अंतिम सांस ली उन्हें समर्पित उनकी समाधि  राज घाट पर बनाई गयी  और इसे किसान घाट भी कहा जाता है।।

इस कारण ही चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के उपलक्ष में हर साल किसान दिवस उनके सम्मान में मनाया जाता है ।चौधरी चरण सिंह आज हमारे बीच में नहीं है पर उनके द्वारा दिया गया योगदान किसान भाइयों के लिए हमेशा स्मरणीय रहेंगे ।

https://youtu.be/waJE3MB50Do 


धन्यवाद आपका मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए ।

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