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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

राष्ट्रीय युवा दिवस

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से।
मैं ले कर आई हूं जानकारी राष्ट्रीय युवा दिवस जैसे स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष पर मनाया जाता है उस पर मेरा छोटा सा लेख।



स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिएप्रेरणा स्रोत रहे। इसी से उनके जन्मदिन को  राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में  धूमधाम से मनाया जाता है ।
स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे हैं। हर साल स्वामी विवेकानंद के सम्मान में 12 जनवरी का जो दिन है राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।


 स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में अगर मैं बात करूं तो उनका जन्म कोलकाता में 12 जनवरी सन  1863 में हुआ था।   स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता विश्वनाथ कोलकाता हाईकोर्ट में एक प्रसिद्ध वकील थे।

25 वर्ष की अवस्था में अपने गुरु से प्रेरित होकर स्वामी विवेकानंद जी ने सन्यासी जीवन बिताने  का फैसला किया   और स्वामी विवेकानंद के रूप में  उन्हें  सन्यास धारण करने के बाद जाने जाने लगा।




 स्वामी विवेकानंद के  विचारों से युवकों को हमेशा प्रोत्साहन मिलता रहा है और मिलता रहेगा ।
स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके विचारों कोयुवाओं तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है ।ताकि युवा वर्ग उनके मार्ग में चल सके राष्ट्रीय युवा दिवस को पुरे  देश भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।



गुरुदेव रवींद्रनाथ ने  एक बार स्वामी विवेकानंद के बारे में कहा-


"यदि आप भारत को जानना चाहते हैं तो विवेकानंद को पढ़िए उनमें आप सब कुछ सकारात्मक ही पाएंगे नकारात्मक कुछ भी नहीं।"


स्वामी विवेकानंद जी ने योग, राजयोग ,ज्ञान योग जैसे ग्रंथों की रचना करके विवेकानंद ने युवकों को एक नई राह दिखाई। जिसका प्रभाव जनमानस पर युगों युगों तक छाया रहेगा।

 4 जुलाई 1902 को बैलून में रामकृष्ण मठ में उन्होंने ध्यान मग्न अवस्था में ही महा सभा में  अपने प्राण त्यागे थे।


धन्यवाद आपका मेरा ब्लाॅग पढ़ने के लिए । 

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