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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और ...

देश की बेटी कल्पना चावला


नमस्कार स्वागत है आप सभी एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में।
 मैं आज लेकर आई हूं बहुत महत्वपूर्ण जानकारी कल्पना चावला जी के बारे में जिनका आज जन्मदिन मनाया जाता हैं।




भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला न केवल दुनिया भर की महिलाओं के लिए बल्कि अंतरिक्ष यात्री बनने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों के लिए एक आदर्श हैं। वह एक बार नहीं बल्कि दो बार अंतरिक्ष में जाने वाली भारत में जन्मी पहली महिला थीं। कल्पना अपने परिवार में चार भाई-बहनो मे सबसे छोटी थीं। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और माता का नाम संजयोती है। कल्पना चावला की शुरुआती शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई थी। 

दो बार अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय महिला
17 मार्च, 1962 को कल्पना चावला का जन्म करनाल में हुआ था। अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर ही कल्पना चावला दो बार अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। एक छोटे से शहर में पली-बढ़ी कल्पना चावला मजबूत स्वभाव की थीं, कोई ऐसी चीज नहीं थी जो उन्हें डराती सकती थी। कल्पना की शादी 1983 में उड़ान प्रशिक्षक जीन पिएरर्र था।

Kalpana Chawla: जानें कल्पना चावला कैसे बनीं अंतरिक्ष की 'वंडर वुमन', ये है पीछे की 

बचपन से ही कल्पना चावना को एरोनाटिक इंजीनियर बनने का शौक था, चलिए जानते हैं उनके जीवन 



 भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला न केवल दुनिया भर की महिलाओं के लिए बल्कि अंतरिक्ष यात्री बनने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों के लिए एक आदर्श हैं। वह एक बार नहीं बल्कि दो बार अंतरिक्ष में जाने वाली भारत में जन्मी पहली महिला थीं। कल्पना अपने परिवार में चार भाई-बहनो मे सबसे छोटी थीं। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और माता का नाम संजयोती है। कल्पना चावला की शुरुआती शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई थी। 

दो बार अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय महिला
17 मार्च, 1962 को कल्पना चावला का जन्म करनाल में हुआ था। अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर ही कल्पना चावला दो बार अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। एक छोटे से शहर में पली-बढ़ी कल्पना चावला मजबूत स्वभाव की थीं, कोई ऐसी चीज नहीं थी जो उन्हें डराती सकती थी। कल्पना की शादी 1983 में उड़ान प्रशिक्षक जीन पिएर्र हैरिसन से हुई थी।

ऐसी थी कल्पना चावला की लाइफ जर्नी (Life Journey of Kalpana Chawla)

कल्पना चावला ने 1982 में चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद कल्पना चावला अमेरिका चली गईं और 1982 में टेक्सास यूनिवर्सिटी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीजी कोर्स के लिए एडमिशन लिया। 1984 में उन्होंने यह कोर्स भी पूरा कर लिया
।कल्पना चावला ने 1986 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दूसरा पीजी कोर्स भी किया और उसके बाद कोलराडो यूनिवर्सिटी से 1988 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग सब्जेक्ट के साथ ही पीएचडी भी पूरा कर लियाकल्पना चावला ने 1988 में नासा अमेस रिसर्च सेंटर (NASA Ames Research Centre) में काम करना शुरू किया और वर्टिकल / शॉर्ट टेकऑफ और लैंडिंग कॉन्सेप्ट पर कम्प्यूटेशनल फ्लुइड डायनामिक्स (CFD) रिसर्च किया।कल्पना चावला एक एस्ट्रोनॉट होने के साथ ही बहुत ही क्रिएटिव भी थीं उन्हें कविता, नृत्य, साइकिल चलाना और दौड़ना भी पसंद था।   


 भारत में जन्मी पहली महिला थीं जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की।

वर्ष 1991 में कल्पना चावला ने अमेरिका की नागरिकता हासिल कर ली थी।

कल्पना चावला जी हमेशा कहा करती थी।
 उनके शब्द थे--

आज उनकी डेथ एनिवर्सरी है ।हम सभी की तरफ से उनको बहुत-बहुत श्रद्धांजलि।


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