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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

श्रद्धा सबुरी साईं बाबा

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।


 मैं आज लेकर आई हूं श्रद्धा सबूरी साईं बाबा के बारे में मेरी छोटी सी कविता और उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए मेरा छोटा सा लेख।



साईं बाबा एक ऐसा नाम जिनके प्रति पूरे विश्व की असीम श्रद्धा है। महाराष्ट्र के पाथरी गांव में साईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1835 को हुआ था।


 कुछ लोग मानते हैं कि उनका जन्म 27 सितंबर 1838 को तत्कालीन आंध्र प्रदेश के पथरी गांव में हुआ था। उनकी मृत्यु 28 सितंबर 1918को मानी जाती है। उनके जन्म और मृत्यु को लेकर तारीखों में काफी मतभेद है। पर वास्तविक तारीख कौन सी है किसी को नहीं पता।



वैसे तो सभी लोग साईं बाबा को पूजते हैं पर अगर मैं अपनी बात करूं तो मेरे जीवन में एक नहीं बल्कि कई ऐसे चमत्कार हुए हैं। हर मुसीबत के समय साईं बाबा ने मेरे परिवार की रक्षा करी है.  उनके प्रति श्रद्धा और भी ज्यादा बढ़ गई है।  उन्हीं की कृपा से आज हम सब सही सलामत है। साईं बाबा को लेकर आज मैंने छोटी सी कविता बनाई है। साईं बाबा हमेशा मेरे और सभी के परिवारों के ऊपर अपना आशीर्वाद बनाए रखना।


          


तन पर डाले दया की चादर,
 दुख  किए दूर आपने साईं।

 जब जब पुकारा मैंने आपको बाबा,
 आप आए निवारने  संकट मेरे साईं।

 जीवन का कोई पल ना ऐसा होगा, 
जब नहीं दिया साथ अपने साईं ।


जुबान में सिर्फ तेरा नाम ही काफी, 
संकट से पल में निकाला आपने साईं।


 कोई ना बड़ा न छोटा दर पे आपके, 
सबके परमपिता परमेश्वर आप हो साईं।

 जोड़कर हाथ सामने आपके,
 शांत हो जाता है मन मेरा साईं।

 दया मैं आपके कभी कमी ना आई,
 झोली खुशियों से मेरी सदा भरी आपने साईं।


 यूं ही सदा हाथ रखना सर पर हमारे,
 आशीर्वाद सदा परिवार पर मेरे बनाए रखना साईं।

 दया प्रेम यूं ही सदा बरसाना मुझ पर,
 दिल ना दुखाऊ कभी किसी का साईं।

 तन पर डाले दया की चादर ,
दुख किए दूर अपने साईं।

जय साईं नाथ।


Comments

Unknown said…
Very Beautiful 🙏OM SAI RAM🙏