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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

ब्लैक एंड वाइट से दूरदर्शन के रंगीन होने का सफर है

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में।
 मैं आज लेकर आई हूं बहुत ही इंटरेस्टिंग जानकारी आज के दिन के बारे में। तो चलते हैं जानने के लिए क्या है ऐसा आज खास दिन।


आज ही के दिन 1982 में पहली बार दूरदर्शन ब्लैक एंड वाइट से कलर यानी रंगीन हुआ था। यानी 40 साल पहले आज ही के दिन देश में टीवी पर पहली बार रंगीन प्रसारण हुआ था। भारत में पहली बार रंगीन प्रसारण का फैसला देश में होने वाले एशियाई गेम्स को देखते हुए लिया गया ..



आज ही के दिन 1982 में पहली बार दूरदर्शन ब्लैक एंड वाइट से कलर यानी रंगीन हुआ था। यानी 40 साल पहले आज ही के दिन देश में टीवी पर पहली बार रंगीन प्रसारण हुआ था। भारत में पहली बार रंगीन प्रसारण का फैसला देश में होने वाले एशियाई गेम्स को देखते हुए लिया गया था।

अपने जन्म के 23 साल बाद यानी 1982 में दूरदर्शन रंगीन हुआ। उस समय दूरदर्शन का ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन होना इतनी बड़ी उपलब्धि थी कि वह संपन्नता की निशानी बन गया। कलर टीवी की डिमांड इतनी ज्यादा हो गई कि  सरकार को उसे इम्पोर्ट करवाना पड़ा।



रंगीन प्रसारण ने टीवी की लोकप्रियता में लगाए चार चांद
उसी साल 15 अगस्त को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लाल किले पर दिए गए भाषण के रंगीन प्रसारण के बाद उसी साल नवंबर में हुए एशियन गेम्स का भी रंगीन प्रसारण किया गया था। दूरदर्शन पर शुरू हुए रंगीन प्रसारण ने भारत में टीवी की कामयाबी और लोकप्रियता की नई दास्तां लिखी।

अब रिमोट के बस एक क्लिक पर टीवी के सैकड़ों चैनल मौजूद हैं। शुरुआत में कुछ घंटे चलने वाले टीवी चैनलों का प्रसारण अब 24 घंटे होने लगा है। समाचार, फिल्में, खेल, गाने, भक्ति हर क्षेत्र से जुड़े अलग-अलग चैनल हैं।



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आज ही के दिन 1982 में पहली बार दूरदर्शन ब्लैक एंड वाइट से कलर यानी रंगीन हुआ था। यानी 40 साल पहले आज ही के दिन देश में टीवी पर पहली बार रंगीन प्रसारण हुआ था। भारत में पहली बार रंगीन प्रसारण का फैसला देश में होने वाले एशियाई गेम्स को देखते हुए लिया गया था।

अपने जन्म के 23 साल बाद यानी 1982 में दूरदर्शन रंगीन हुआ। उस समय दूरदर्शन का ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन होना इतनी बड़ी उपलब्धि थी कि वह संपन्नता की निशानी बन गया। कलर टीवी की डिमांड इतनी ज्यादा हो गई कि कि सरकार को उसे इम्पोर्ट करवाना पड़ा।

रंगीन प्रसारण ने टीवी की लोकप्रियता में लगाए चार चांद
उसी साल 15 अगस्त को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लाल किले पर दिए गए भाषण के रंगीन प्रसारण के बाद उसी साल नवंबर में हुए एशियन गेम्स का भी रंगीन प्रसारण किया गया था। दूरदर्शन पर शुरू हुए रंगीन प्रसारण ने भारत में टीवी की कामयाबी और लोकप्रियता की नई दास्तां लिखी।

अब रिमोट के बस एक क्लिक पर टीवी के सैकड़ों चैनल मौजूद हैं। शुरुआत में कुछ घंटे चलने वाले टीवी चैनलों का प्रसारण अब 24 घंटे होने लगा है। समाचार, फिल्में, खेल, गाने, भक्ति हर क्षेत्र से जुड़े अलग-अलग चैनल हैं।

दूरदर्शन के 36 सैटेलाइट चैनल और इसके फ्री-टू एयर DTH सर्विस के 110 चैनल हैं

1959 में हुई थी दूरदर्शन की शुरुआत
दूरदर्शन की शुरुआत 1959 में इंडियन टेलीविजन के रूप में हुई थी। पहले ये आकाशवाणी का ही हिस्सा था, लेकिन बाद में उससे अलग हो गया। यूनेस्को की मदद से शुरुआत में दूरदर्शन पर हफ्ते में दो दिन केवल एक-एक घंटे के कार्यक्रम प्रसारित होते थे। इनका उद्देश्य नागरिकों को जागरूक करना होता था।




1965 में इसका रोजाना प्रसारण शुरू हुआ। समाचार आने लगे। फिर कृषि दर्शन आया, जो आज भी दूरदर्शन के अलग-अलग चैनलों पर प्रसारित होता है। चित्रहार पर फिल्मी गाने प्रसारित होते थे।

80 के दशक में दूरदर्शन घर-घर में छा गया। दूरदर्शन पर प्रसारित पहला सीरियल हम लोग था। इसके बाद इस पर प्रसारित होने वाले रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक सीरियलों ने जबर्दस्त लोकप्रियता हासिल की। इन दोनों सीरियल के प्रसारण के समय देश में सड़कें वीरान हो जाया करती थीं।


 1959 में शुरू होने वाले दूरदर्शन का1965 में रोजाना प्रसारण प्रारंभ हुआ. 5 मिनट न्यूज बुलेटिन भी इसी साल से शुरू हुआ.

1986 में शुरू हुए 'रामायण' और इसके बाद शुरू हुए 'महाभारत' के प्रसारण के दौरान हर रविवार को सुबह देश भर की सड़कों पर कर्फ्यू जैसा सन्नाटा पसर जाता था और लोग सड़कों पर अपनी यात्रा 'रामायण' और 'महाभारत' के प्रसारण के दौरान नहीं करते थे.



मुझे आज भी वह दिन याद है जब हफ्ते में केवल रविवार के दिन एक मूवी आती थी। जिसका पूरे सप्ताह भर हम लोग इंतजार करते थे ।कार्टून कि अगर मैं बात करूं आज कार्टूनों की इतनी चैनल हो गए हैं कि बच्चों को कार्टून देखने के लिए हफ्ते में एक दिन का इंतजार नहीं करना पड़ता है बल्कि पूरे दिन ही कार्टून चलते रहते हैं। 

 एक समय वह भी था जब कार्टून केवल रविवार को सुबह 10:00 बजे से शुरू होता था हम और हमारा पूरा परिवार एक साथ बैठकर उस कार्यक्रम का आनंद उठाते थे समय के साथ दूरदर्शन ने बहुत ज्यादा उन्नति करी है।

आज दूरदर्शन को रंगीन हो गए पूरे 38 साल पूरे हो गए हैं।



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