नमस्कार स्वागत है आप सभी लोगों का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में।
मैं आज लेकर आई हूं बहुत खास जानकारी दयालु नीम करौली बाबा के बारे में क्योंकि आज का दिन है बहुत खास और पवित्र क्योंकि आज के दिन ही नीम करोली बाबा का जन्मदिन मनाया जाता है । तो चलिए चलते हैं जानने के लिए नीम करौली बाबा के बारे में।
बात करे अगर हम नींम करौली बाबा के जन्म स्थान के बारे में तो।
नीम करौली बाबा या महाराजजी की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में होती है।इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश है जो किहिरनगाँव से 500 मीटर दूरी पर है। कैंची, नैनीताल, भुवाली से 7 कि॰मी॰ की दूरी पर भुवालीगाड के बायीं ओर स्थित है।
कहा जाता है कि बाबा नीम करौली को 17 वर्ष की आयु में ही ईश्वर के बारे में बहुत विशेष ज्ञान हो गया था. हनुमान जी को वे अपना गुरु और आराध्य मानते थे. बाबा ने अपने जीवन में करीब 108 हनुमान मंदिर बनवाए. मान्यता है कि बाबा नीम करौली बाबा को हनुमान जी की उपासना से अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं. हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे. एकदम आम आदमी की तरह जीने वाले बाबा नीम करौली तो अपना पैर भी छूने नहीं देते थे. ऐसा करने वालों को वे हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे.।
नीम करौली बाबा अनेक शक्तियों से संपन्न थे। ऐसा नहीं है कि नीम करौली बाबा का मंदिर उत्तराखंड में है तो केवल उत्तराखंड के लोग ही उन्हें नहीं पूजते हैं बल्कि पूरे विश्व से लोग उनके मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं।
धाम को लेकर कई तरह के चमत्कारिक किस्से बताए जाते हैं. एक जनश्रुति ये है कि भंडारे के दौरान एक बार घी की कमी पड़ गई थी, तब बाबा के आदेश पर नीचे बह रही नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया. प्रसाद के लिए जब इस्तेमाल किया गया तो जल घी में बदल चुका था. एक और जनश्रुति है कि बाबा ने कड़ी धूप में अपने एक भक्त के लिए बादल की छतरी बनाकर उसे मंजिल तक पहुंचाया था. बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने 'मिरेकल आफ लव' नाम से बाबा पर लिखी पुस्तक में उनके चमत्कारों का वर्णन किया है.।
मैं कैंची धाम में तब गई थी जब मैं 4 साल की थी। कैंची धाम नीम करोली बाबा का पूजनीय स्थल माना जाता है। दिखने में बेहद खूबसूरत और मन खुश करने वाला है कैंची धाम।
आज के दिन यानी 15जून को नीम करौली बाबा का जन्मदिन कैंची धाम में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
आज के दिन उत्तराखंड से और बाहर से नीम करौली बाबा के मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। आज के दिन यहां पर बहुत भीड़ रहती है।।

नीम करौली बाबा के बारे में चलिए जानते हैं कहां पर बाबा का मंदिर स्थित है।
Baba Neem Karoli Kainchi Dham
उत्तराखंड में हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा आश्रम है. नाम है-
नीम करौली बाबा आश्रम. एकदम शांत, साफ-सुथरी जगह, हरियाली, सुकून. समुद्र तल से 1400 मीटर की ऊंचाई पर स्थि नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित यह आश्रम धर्मावलंबियों के बीच कैंची धाम के रूप में लोकप्रिय है. यह आश्रम बनाया गया है, बाबा नीम करोली महाराज जी के समर्पण में. हिंदू आध्यात्मिक गुरु के रूप में पूजे जाने वाले बाबा नीम करोली हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे. उनको मानने वाले उन्हें हनुमान जी का ही अवतार मानते थे. आइए जानते हैं उनके और कैंची धाम के बारे में
.नीम करोली या नीब करौरी बाबा की गिनती 20वीं सदी के महान संतों में की जाती है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था. नैनीताल, भुवाली से 7 किलोमीटर दूर कैंची धाम आश्रम की स्थापना बाबा ने 1964 में की थी. 1961 में वे यहां पहली बार पहुंचे थे और अपने एक मित्र पूर्णानंद के साथ आश्रम बनाने का विचार किया था. केवल उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बाबा के चमत्कारों की चर्चा होती है.
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाबा के बारे में चर्चा कर चुके हैं.।
भारत के हर कोने में नीम करौली बाबा के भक्त हमें मिल जाते हैं। कैंची धाम में आज के दिन उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में बहुत बड़ा मेला लगता है। इस मेले को देखने के लिए सभी जगहों से लोग आते है।
कष्ट मिटाएं जो सभी के,
खुशियां लौट आए जो सभी के।
दया के सागर वह है केवल नीम करौली बाबा।
आपको शत-शत नमन हे नीम करौली बाबा।
आप सभी लोगों का बहुत बहुत धन्यवाद मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए।
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