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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

Loktak Lake is the largest freshwater lake in India.

नमस्कार स्वागत है सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में। 

मैं आज लेकर आई हूँ  जानकारी भारत के लोकतक झील के बारे में  जो है पूर्वोत्तर भारत में ।
क्यों वह प्रसिद्ध है तो चलिए चलते है जानने के लिए इस खूबसूरत झील के बारे में। 

लोकटक झील मणिपुर में स्थित पूर्वोत्तर भारत की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है। इस झील में जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है। चारों ओर से छोटी-छोटी नदियाँ अपना पानी लोकटक में गिराती हैं, जिसके कारण इसकी गहराई तथा साबरमती नदियाँ इसमें अपना मुहाना बनाती हैं।।



यह झील मणिपुर के खूगा नदी पर स्थित 
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  • लोकटक झील देखने में बहुत ख़ूबसूरत है।
  • लोकटक झील विश्व में तैरती झील के नाम से विख्यात है।
  • इस झील में घनी जलीय घास के बड़े-बड़े हिस्से तैरते रहते हैं जिन्हें फुमडी के नाम से जाना जाता है।
  • इन तैरती वनस्पतियों के कारण लोकटक झील को तैरती झील कहा जाता है।
  • जलीय घास के ये हिस्से इतने बड़े होते है कि झील में बसने वाले मछुआरे उसमें अपनी झोपड़ी बना कर रहते हैं।

लोकतक झील की अधिकतम लंबाई 35 किलोमीटर है और अधिकतम गहराई और 4.6  मीटर इस नदी की अधिकतम चौड़ाई 13 किलोमीटर है।

इस झील में जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है। चारों ओर से छोटी-छोटी नदियाँ अपना पानी लोकटक में गिराती हैं, जिसके कारण इसकी गहराई की गहराइयो साबरमती नदियां  इसमें अपना मुहाना बनाती हैं।

फ्लोटिंग national park 

लोकटक झील में फूमदी का सबसे बड़ा घेरा 40 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है। इस घेरे के रूप में निर्मित इस भूभाग को भारत सरकार ने ‘केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय पार्क’ का नाम व दर्जा दिया है। केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय पार्क’ दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क भी है। जो वास्तव में एक अद्भुद नमूना प्रस्तुत करता है।

मणिपुर की अर्थव्यवस्था में इस झील का बहुत बड़ा योगदान है क्योंकि पर्यटकों के आने से जो आय का स्रोत होता है।  वह यहां के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
अगर आप तैरती हुई झील को करीब से देखना चाहते हैं और प्रकृति का आनंद लेना चाहते हैं तो एक बार लोकटक झील की यात्रा जरूर 

भारत देश कई विविधताओं से भरा हुआ और अपने आप में कई विशेषताओं को समेटे हुए है। भारत में कई ऐसी जगहें भी मौजूद हैं जो आश्चर्य से भरी हुई हैं ऐसी ही एक आश्चर्य से भरी जगह है उत्तर पूर्व भारत के मणिपुर में स्थित लोकटक झील। जी हाँ ये झील देखने में खूबसूरत होने के साथ एक अद्भुत विशेषता से भरी हुई है। लोकटक झील एक ऐसी झील है जिसे फ्लोटिंग झील भी कहा जाता है क्योंकि ये विश्व की एकलौती ऐसी झील है जो तैरती हुई दिखाई देती है। आइये जानें लोकटक झील से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।



लोकटक झील भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित मणिपुर राज्य की एक बेहद खूबसूरत झील है। यह अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिये पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, जिन्हें "कुंदी" कहा जाता है। झील का कुल क्षेत्रफल लगभग 280 वर्ग किमी है। झील पर सबसे बड़ा तैरता द्वीप "केयबुल लामजाओ" कहलाता है और इसका क्षेत्रफल 40 वर्ग किमी है। यहां संगइ हिरण पाए जाते हैं जो सिर्फ इसी जगह पर मौजूद हैं और एक विलुप्तप्राय प्रजाति है।

जलीय पौधे और जानवरों का घर

फुमदी वनस्पति, मिट्टी और अन्य कार्बनिक पदार्थों का एक द्रव्यमान है जो समय के साथ जम जाते हैं जो झील में स्वतंत्र रूप से तैरने वाले भूस्वामी से मिलते जुलते हैं। इसे फ्लूमिडिस के कारण दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील भी कहा जाता है। विभिन्न प्रकार के जलीय पौधे और जानवर बिना आरक्षण के फलते फूलते हैं।





घूमने के लिए लोकतक झील मणिपुर की बेहद खूबसूरत जगहों में से एक मानी जाती है ।तो यहां पर आप लोग कैसे पहुंचे चलिए जानते है।


कोई भी लोकटक झील में जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन सुविधा का लाभ उठा सकता है। यदि आपको भी इस आश्चर्य से भरी जगह को देखना और उसका नज़ारा कैमरे में कैद करना है तो एक बार इस झील को जरूर देखें।


 




लोकटक झील भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित मणिपुर राज्य की एक बेहद खूबसूरत झील है। यह अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिये पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, जिन्हें "कुंदी" कहा जाता है। झील का कुल क्षेत्रफल लगभग 280 वर्ग किमी है। झील पर सबसे बड़ा तैरता द्वीप "केयबुल लामजाओ" कहलाता है और इसका क्षेत्रफल 40 वर्ग किमी है। यहां संगइ हिरण पाए जाते हैं जो सिर्फ इसी जगह पर मौजूद हैं ।


फ्लोटिंग नेशनल पार्क

लोकटक झील में फूमदी का सबसे बड़ा घेरा 40 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है। इस घेरे के रूप में निर्मित इस भूभाग को भारत सरकार ने ‘केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय पार्क’ का नाम व दर्जा दिया है। केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय पार्क’ दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क भी है। जो वास्तव में एक अद्भुद नमूना प्रस्तुत करता है।

स्थानीय लोगों की आजीविका का स्रोत

मणिपुर की अर्थव्यवस्था में झील की महत्वपूर्ण भूमिका है और स्थानीय लोगों के लिए उनके सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में इसके महत्व के कारण इसे वहां की जीवन रेखा माना जाता है। इसके अलावा, प्राचीन लोकटक झील जल विद्युत् उत्पादन, पीने के पानी की आपूर्ति और सिंचाई के लिए भी महत्वपूर्ण साधन है ।

कैसे पहुंचें लोकटक झील

कोई भी लोकटक झील में जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन सुविधा का लाभ उठा सकता है। यदि आपको भी इस आश्चर्य से भरी जगह को देखना और उसका नज़ारा कैमरे में कैद करना है तो एक बार इस झील को जरूर देखें।


यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय

लोकटक झील की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के मौसम के दौरान होता है, यानी नवंबर और फरवरी के बीच, क्योंकि किसी भी पर्यटक को उस समय हिरणों को देखने का अवसर मिलता है। साल के अन्य मौसमों में वे हिरन आसपास की पहाड़ियों में रहते हैं। पर्यटक सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 09:00 बजे से 06:00 बजे के बीच लोकतक झील की सैर कर सकते हैं।


घूमने के लिए लोकतक झील बेहद खूबसूरत जगह में से एक मानी जाती है।
 आप लोग भी जरूर लोकतक झील आकर यहां की खूबसूरती को अपने आंखों में कैद कर सकते हैं ।


  मेरे ब्लॉग को पढ़ने के लिए आप लोगो का बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏😊😊😊


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