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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

children's Day

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग में।



 मैं लेकर आई हूं आज बहुत ही रोचक बातें चिल्ड्रंस डे यानी बाल दिवस के बारे में जो मनाया जाता है आज के दिन यानी 14 नवंबर को।
 चलिए चलते हैं जानने के लिए 14 नवंबर के बारे में कुछ रोचक बातें। 

14 नवंबर को हर साल देश में बाल दिवस मनाया जाता है। इसी दिन यानी 14 नवंबर, 1889 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था। इस दिन अकसर स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रमों जैसे वाद-विवाद, संगीत और नृत्य का आयोजन होता है। बच्चों के बीच कपड़े, खिलौन, किताब और चॉकलेट्स आदि भी बांटे जाते हैं। स्कूलों में इस मौके पर उत्सव जैसा माहौल होता है।


कब से मनाया जाता है बाल दिवस?
1964 के पहले तक हर साल 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता था क्योंकि इसी दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक बाल दिवस मनाया जता था। 1964 में जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए फैसला लिया गया। इस फैसले का कारण जवाहर लाल नेहरू का बच्चों से काफी प्यार और स्नेह था। बच्चों से प्यार के कारण ही उनको चाचा नेहरू भी कहा जाता था। वह बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। उनका मानना था कि बच्चों के विकास से ही देश का विकास होगा।


14 नवंबर को ही क्यों?
जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था। वह बच्चों के कल्याण को लेकर काफी चिंतित रहा करते थे। वह स्कूली बच्चों को भोजन और अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराने के लिए कार्यक्रम लॉन्च करते रहते थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बच्चों के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए। इन कार्यक्रमों से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई और उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सका। वे कहा करते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उन्होंने बच्चों की शिक्षा के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए। लोगों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराने के लिए भी कई कार्यक्रम उनके कार्यकाल में शुरू किए गए। इन सभी से अप्रत्यक्ष तौर पर बच्चों को लाभ हुआ। बच्चों के प्रति उनका यह लगाव, स्नेह और प्यार ही था जो उनके निधन के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया।


यही वजह है 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने का क्योंकि चाचा नेहरू बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करते थे इसलिए उनको लगा कि देश का असली भविष्य  बच्चों के हाथ में है क्योंकि इनको  आगे चलकर देश का विकास करना है।
 इसी वजह से  उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है ।


आप सभी लोगो का बहुत बहुत धन्यवाद। 
मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए। 




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