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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

भारतीय नौसेना दिवस

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में। 





मैं आज लेकर आई हूं 4 दिसंबर यानी आज के दिन नौसेना दिवस क्यों मनाया जाता है। तो चलिए चलते हैं जानने के लिए यह दिन क्यों मनाया जाता है। 

1971 को बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ी थी। उस युद्ध के घटनाक्रम में 4 दिसंबर की तारीख को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला कर उसे तबाह कर दिया था। इसी उपलक्ष्य में नाै सेना दिवस मनाया जाता है।


भारत के लिए 4 दिसंबर का दिन बहुत ही खास है। भारतीय नाैसेना दिवस जो है। हर साल इस तारीख को भारतीय नाैसेना दिवस मनाया जाता है। भारत के लिए नौसेना का महत्व आज जितना है उतना शायद पहले कभी नहीं था। लेकिन इस महत्व को शायद ही कभी सही तरीके समझा गया। इसकी वजह यह है कि भारत पर हमले और खतरे रहे वह जमीन के रास्ते से ज्यादा हुए। भारतीय इतिहास में उत्तर पश्चिम से हुए हमलों की घटनाओं से भरा पड़ा है। लेकिन भारत की समुद्री सीमा बहुत विशाल है और आज के अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में इसकी सुरक्षा और भारतीय नौसेना का महत्व दोनों ही ज्यादा और संवेदनशील हो गया है। 4 दिसंबर को मनाया जा रहा नौसेना दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना की सालगिरह ही नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना को सही परिपेक्ष्य में देखने का भी दिन है। झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने ट्वीट कर पराक्रमी नाैसेना के प्रति आभार प्रकट किया है। 


4 दिसंबर को ही क्यों

भारत में नौसेना दिवस हर साल चार दिसंबर को मनाने के पीछे नौसेना की खास उपलब्धि है। 1971 को जब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ी थी। उस युद्ध के घटनाक्रम में 4 दिसंबर की तारीख को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला कर उसे तबाह कर दिया था। इसकी सफलता की याद में इस दिन को मनाया जाता है। 


4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस को ऑपरेशन ट्रिडेंट की सफलता की याद में मनाया जाता है जिसके तहत ही भारतीय नौसेना ने करांची बंदरगाह तहस नहस किया था। इस दिन भारतीय नौसेना पाकिस्तान के चार जहाजों को डुबो दिया था जिसमें उसका प्रमुख जहाज पीएनएस खैबर भी शामिल था। इस ऑपरेशन में सैंकड़ों पाकिस्तानी नौसैनिक मारे गए।  आज भारतीय नौसेना के व्यापक परिपेक्ष्य में काम करने की जरूरत है। चीन अपने महत्वाकांक्षी विस्तारवादी नीति तो लागू कर भारत के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन रहा है। वह हिंद महासागर में अपने उपस्थिति बढ़ा कर पूर्वी एशिया के साथ भारतीय समुद्री सीमाओं से लगे देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा है। इसमें श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार शामिल हैं. भारत भी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिल कर चीन की प्रभुत्व कम करने का प्रयास कर रहा है। 


इसी वजह से नौसेना दिवस पूरे भारतवर्ष में   मनाया जाता है।



आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए। 



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