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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और ...

National Maths Day

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग मे। 

 मैं आज लेकर आई हूं महत्वपूर्ण जानकारी राष्ट्रीय गणित दिवस के बारे में क्यों और कैसे मनाया जाता हैराष्ट्रीय गणित दिवस।
 तो चलते हैं जानने के लिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय गणित दिवस




राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की याद में ।
आज के दिन ही रामानुजन का जन्म हुआ था चेन्नई में 22 दिसंबर  1887 को।



श्रीनिवास रामानुजन महानतम गणितज्ञों में से एक हैं जिनके सहायक और योगदान ने गणित को पूरी तरह से नया अर्थ दिया है. इसलिए उन्हें "गणितज्ञों का गणितज्ञ" भी कहा जाता है. रामानुजन ने 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और बिना किसी की सहायता के खुद से कई प्रमेय (Theorems) भी विकसित किए.



उनकी आरंभिक शिक्षा कुम्भकोणम के प्राइमरी स्कूल में हुई और फिर 1898 में टाउन हाई स्कूल में एडमिशन लिया और सभी विषय में अच्छे अंक प्राप्त किए. यहीं पर उनको जी.एस. कार की लिखी हुई गणित विषय में पुस्तक पढ़ने का अवसर मिला और इससे प्रभावित होकर उनकी रूचि गणित में बढ़ने लगी. साथ ही उन्होंने गणित विषय में काम करना प्रारंभ कर दिया।

उनका बचपन काफी कठिनाइयो में बीता. वे अधिकतर विद्यालय में दोस्तों से किताबें उधार लेकर पढ़ा करते थे. युवा होने पर घर की आर्थिक आवश्यकताओं की अपूर्ति के लिए उन्होंने क्लर्क की नौकरी कर ली और खाली होने पर वे गणित के प्रश्न हल किया करते थे और कई प्रकार की theorems पर वर्क करते थे. एक बार एक अंग्रेज़ कि नजर उन पन्नों पर पड़ गई और उसने निजी रूची लेकर श्रीनिवास रामानुजन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रो. हार्डी के पास भेजने का प्रबंध कर दिया. प्रो. हार्डी ने उनमें छिपी प्रतिभा को पहचाना जिसके बाद उनकी ख्याति विश्व भर में फैल गई.




रामानुजन ने बिना किसी सहायता के हजारों रिजल्ट्स, ज्यादातर identities और equations के रूप में संकलित किए. कई रिजल्ट्स पूरी तरह से original थे जैसे कि रामानुजन प्राइम, रामानुजन थीटा फ़ंक्शन, विभाजन सूत्र और mock थीटा फ़ंक्शन. इन रिजल्ट्स और identities ने पूरी तरह से काम के नए क्षेत्र खोल दिए और आगे रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने divergent series पर अपने सिद्धांत को बनाया. इसके अलावा, उन्होंने रीमैन श्रृंखला (Riemann series), the elliptic integrals, हाइपरजोमेट्रिक श्रृंखला (hypergeometric series) और जेटा फ़ंक्शन के कार्यात्मक समीकरणों पर काम किया. 1729 नंबर हार्डी-रामानुजन (Hardy-Ramanujan) नंबर के रूप में भी प्रसिद्ध है।

  

काफी परिश्रम के कारण रामानुजन बीमार रहने लगे थे और मात्र 32 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उनके निधन के बाद उनकी कई प्रमेयों (Theorems) को छपवाया गया और इनमें से कई ऐसी Theorems भी हैं जिनकों कई दशक तक सुलझाया भी नहीं जा सका.

इसमें कोई संदेह नहीं है की रामानुजन द्वारा कि गई गणित के क्षेत्र में खोज आधुनिक गणित और विज्ञान कि आधारशिला बनी. यहां तक की उनका संख्या-सिद्धान्त पर किया गया कार्य के कारण ही उन्हें 'संख्याओं का जादूगर' माना जाता है ।




पहली बार राष्ट्रीय गणित दिवस कब मनाया गया था।22 दिसंबर 2012 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने चेन्नई में महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की 125वीं वर्षगाठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में श्रीनिवास रामानुजन को श्रद्धांजलि देते हुए वर्ष 2012 को राष्ट्रिय गणित वर्ष और साथ ही उनके जन्मदिन को यानी 22 दिसंबर को राष्ट्रिय गणित दिवस घोषित किया. इस प्रकार 22 दिसंबर 2012 को पहली बार देश भर में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया गया। 



तो तभी से राष्ट्रीय गणित दिवस रामानुजन जी की याद में मनाया जाता है। आज उनके जन्मदिन पर हम सभी की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि।

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 धन्यवाद मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए। 





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