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जानिए तूफान क्या होते हैं?किस आधार पर इन तूफानों का नामकरण किया जाता है।

नमस्कार स्वागत है आप सभी का मेरे ब्लॉग में एक बार फिर से।  मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी तूफान किसे कहते हैं और किस आधार पर इनका नामकरण किया जाता है।  तो चलिए चलते हैं जानते हैं क्या होते हैं तूफान। क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान! कैसे होता है इनका नामकरण, भारत ने रखे हैं कितने तूफानों के नाम? जानें सबकुछ। चक्रवात एक सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर कम हो जाता है। इस खाली जगह पर आसपास की ठंडी हवा पहुंचती है और वो भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. इस तरह ये साइकिल शुरू हो जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. तमाम इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं और इससे एक स

पराक्रम दिवस

नमस्कार स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से मेरे ।



मैं लेकर आई हूं आज बहुत इंटरेस्टिंग जानकारी पराक्रम दिवस के बारे में जो आज के दिन यानी 23 जनवरी को मनाया जाता है ।  तो चलते जानने के लिए पराक्रम दिवस क्यों और किसकी याद में मनाया जाता है। 


पूरे देश में जनवरी माह में पराक्रम दिवस मनाया जा रहा है। वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराक्रम दिवस को मनाने की घोषणा की थी। पराक्रम दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। स्कूल कॉलेज में बच्चों को इस दिन का महत्व बताया जाता है और इसी दिन के जरिए स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन को याद किया जाता है। पराक्रम दिवस को मनाने के पीछे खास वजह है। इस दिन का नाता महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से है।  उनकी ही याद में पराक्रम दिवस को देश के एक खास दिन के रूप में मनाते हैं। नेताजी को इस दिन नमन किया जाता है और उनके योगदान को याद करते हैं। नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने आजादी की लड़ाई में ओजस्वी नारा दिया था। 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।' इन नारे ने हर भारतीय के खून में उबाल ला दिया था और आजादी की जंग को तेज कर दिया था।


23 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं पराक्रम दिवस?


23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाने की वजह बेहद खास है। दरअसल यह दिन सुभाष चंद्र बोस की याद में मनाया जाता है। सुभाष चंद्र बोस का 23 जनवरी को जन्म हुआ था। इस दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है, जिसे पराक्रम दिवस का नाम दिया गया।


सुभाष चंद्र बोस का पराक्रम दिवस से नाता। सुभाष चंद्र बोस का पराक्रम दिवस से नाता क्या है इसके पीछे कारण भी है।


नेताजी सुभाष चंद्र बोस का संपूर्ण जीवन हर युवा और भारतीय के लिए आदर्श है। उन्होंने आजादी की जंग में शामिल होने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा का परित्याग कर दिया और इंग्लैंड से भारत वापस लौट आए। स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई में उन्होंने आजाद हिंद सरकार और आजाद हिंद फौज का गठन किया। खुद का आजाद हिंद बैंक स्थापित किया जिसे 10 देशों का समर्थन मिला। आज़ादी की जंग में उनके योगदान और उनके पराक्रम को याद करने के लिए सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 
तो यह वजह है पराक्रम दिवस को मनाने की। आज पराक्रम दिवस पर हम सभी की तरफ से नेताजी सुभाष चंद्र बोस को हार्दिक शुभकामना।🙏💐💐

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए। 

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